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    Iran: महसा अमीनी मामले में अदालत ने एक प्रदर्शनकारी को सुनाई मौत की सजा, दूसरे की स्वीकार हुई अपील

    By AgencyEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Sat, 24 Dec 2022 11:27 PM (IST)

    ईरान के उच्चतम न्यायालय ने एक प्रदर्शनकारी को फांसी देने का निर्णय सुनाया है। बता दें कि मोरालिटी पुलिस द्वारा इस्लामी गणतंत्र के अनिवार्य ड्रेस कोड को लागू करवाने के दौरान गिरफ्तार माशा अमीनी की कैद में मौत के बाद सितंबर के मध्य में राष्ट्रव्यापी असंतोष उभरकर सामने आया था।

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    कुर्दिश-ईरानी महिला माशा अमीनी की कैद में मौत के ईरान में हुआ था राष्ट्रव्यापी आंदोलन।

    तेहरान, एजेंसी। ईरान के उच्चतम न्यायालय ने एक प्रदर्शनकारी की मौत की सजा की अपील को स्वीकार कर लिया, लेकिन दूसरे की फांसी पर मुहर लगा दी है। शुरुआत में अदालत ने कहा था कि उन्होंने दोनों प्रदर्शनकारियों की अपील स्वीकार कर ली है, लेकिन बाद में न्यापालिका की न्यूज एजेंसी मिजान ने कहा – ईरान के उच्चतम न्यायालय के जनसंपर्क ने अपनी खबर में बदलाव किया है। जिसके अनुसार मोहम्मद काबादलू की अपील स्विकार नहीं की गई है। समन सैयदी की अपील को स्वीकार कर लिया गया है।

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    दो को दी थी सार्वजनिक फांसी

    मोरालिटी पुलिस द्वारा इस्लामी गणतंत्र के अनिवार्य ड्रेस कोड को लागू करवाने के दौरान गिरफ्तार की गई 22 साल की कुर्दिश-ईरानी महिला माशा अमीनी की कैद में मौत के बाद सितंबर के मध्य में राष्ट्रव्यापी असंतोष उभरकर सामने आया था। ईरान ने इस महीने की शुरुआत में दो प्रदर्शनकारियों को फांसी पर लटका दिया था।

    इनमें से एक 23 साल का मोहसिन शेकारी था, जिसपर मुख्य मार्ग को अवरोधित करने और पैरामिलिट्री फोर्स के एक सदस्य को चाकू से घायल करने का आरोप था। दूसरा प्रदर्शनकारी 23 वर्षीय माजिद रेजा रेहनावर्द था जिसपर दो बसीज सदस्यों की हत्या का आरोप था। दोनों को सार्वजनिक तौर पर एक क्रेन पर फांसी से लटका दिया गया था।

    झूठे आरोपों में फंसा रहे हैं

    एमेनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा था कि ईरान को हिला देने वाली बगावत में भाग लेने वालों को धमकाने के लिए झूठे आरोपो में ईरानी प्राधिकारी कम से कम 26 लोगों के लिए मृत्युदंड की मांग कर रहा है। क्वादालू पर प्रदर्शन के दौरान एक पुलिसवाले की हत्या और पांच अन्य को घायल करने का आरोप लगाया गया था। असमानता, उत्पीड़न और बेरोजगारी के मुद्दे पर रैप करने वाले कुर्द मूल के यासिन पर सुरक्षा कर्मियों की हत्या और क्रांतिकारी गाने गाने के आरोप लगाए गए थे।

    हराना नामक संस्था शुक्रवार तक 506 प्रदर्शनकारियों की हत्या हो चुकी है जिनमें में 69 नाबालिग थे। संस्था के अनुसार 66 सुरक्षाकर्मी भी मारे गए हैं। ऐसा अनुमान है कि लगभग 18516 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। एक उच्चस्तरीय सुरक्षा निकाय ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अशांती के दौरान सुरक्षाकर्मियों समेत 200 लोगों ने अपनी जान गवाई है।

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