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    'मैं मर जाऊंगा, मुझे मां के पास...', सऊदी अरब में फंसे भारतीय मजदूर ने पीएम मोदी से लगाई मदद की गुहार

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 06:42 PM (IST)

    सऊदी अरब में फंसे एक भारतीय मजदूर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उसने प्रधानमंत्री मोदी से मदद की गुहार लगाई है। प्रयागराज का रहने वाला यह युवक बता रहा है कि उसके एम्प्लॉयर ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया है और उसे जान से मारने की धमकी दे रहा है। रियाद स्थित भारतीय दूतावास ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है और युवक की तलाश कर रही है। युवक ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर मदद मांगी है।

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    सऊदी अरब में फंसा भारतीय मजदूर। (स्क्रीन ग्रेब X- @Lawyer_Kalpana)


    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सऊदी अरब में कथित तौर पर फंसे एक भारतीय मजदूर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद रियाद स्थित भारतीय दूतावास ने राजनयिक हस्तक्षेप किया है।

    उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के हंडिया का रहने वाला बताया जा रहा यह युवक वीडियो में परेशान दिख रहा है और दावा कर रहा है कि उसके एम्प्लॉयर जिसकी पहचान कपिल के रूप में हुई है, उसने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया है और उसे जान से मारने की धमकी दे रहा है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से घर वापसी में मदद की गुहार लगाता है और कहता है, "कृपया मेरी मदद करें, मैं मर जाऊंगा।"

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    सऊदी अरब में फंसा भारतीय मजदूर

    वीडियो के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी अपील की गई है। पोस्ट में लिखा था, "माननीय विदेश मंत्री , कृपया तत्काल संज्ञान लें। प्रयागराज के प्रतापपुर के हंडिया निवासी एक युवक सऊदी अरब में फंसा हुआ है।"

    वीडियो में उस युवक ने दावा किया, "मेरा गांव इलाहाबाद में है... मैं सऊदी अरब आया था। कपिल के पास मेरा पासपोर्ट है। मैंने उससे कहा कि मुझे घर जाना है, लेकिन वह मुझे जान से मारने की धमकी दे रहा है।" वीडियो में लिखा है, "मैं अपनी मां के पास जाना चाहता हूं।"

     

    पीएम मोदी से लगाई मदद की गुहार

    वह सोशल मीडिया यूजर्स से इस वीडियो को शेयर करने का आग्रह करता है जिससे यह प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंच सके। वह कहता है, "इस वीडियो को इतना शेयर करें कि भारत से आपके सहयोग से मुझे मदद मिल सके और मैं भारत वापस आ सकूं।"

    भारतीय दूतावास का आया जवाब

    वीडियो के वायरलह होने के कुछ ही घंटों के भीतर रियाद स्थित भारतीय दूतावास ने प्रतिक्रिया दी। दूतावास ने X पर जवाब दिया, "दूतावास उस व्यक्ति का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। आगे कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती क्योंकि वीडियो में सऊदी अरब में उसके स्थान/प्रांत, संपर्क नंबर या एम्प्लॉयर के बारे में कोई जानकारी नहीं है।"

    यह घटना सऊदी अरब द्वारा अपनी विवादास्पद कफाला प्रणाली को औपचारिक रूप से समाप्त करने के कुछ ही हफ्ते बाद हुई है। यह एक रोजगार ढांचा है जिस पर लंबे समय से प्रवासी श्रमिकों के शोषण और दुर्व्यवहार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जाता रहा है।

    1950 के दशक में शुरू हुई कफाला प्रणाली

    1950 के दशक में शुरू की गई कफाला प्रणाली के तहत सभी विदेशी श्रमिकों को एक लोकस स्पॉन्सर, जिसे कफील कहा जाता था, उससे बंधे रहना पड़ता था, जो उनके रोजगार, आवाजाही और यहां तक कि देश छोड़ने की उनकी क्षमता को भी नियंत्रित करता था। इस प्रणाली के तहत, एम्प्लॉयर श्रमिकों के पासपोर्ट जब्त कर सकते थे, उन्हें बाहर निकलने के वीजा से वंचित कर सकते थे और उनकी नौकरी बदलने की क्षमता को प्रतिबंधित कर सकते थे। जिससे मानवाधिकार समूहों द्वारा आधुनिक गुलामी जैसी स्थितियां पैदा हो रही थीं।

    क्राउन प्रिंस ने किया काफला को खत्म करने का एलान

    सऊदी अरब द्वारा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 सुधारों के तहत इस प्रणाली को समाप्त करने के निर्णय को श्रम अधिकारों में एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में प्रस्तुत किया गया था। इस सुधार से लगभग 13 मिलियन प्रवासी श्रमिकों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिनमें वर्तमान में सऊदी अरब में कार्यरत लगभग 2.5 मिलियन भारतीय भी शामिल हैं।

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