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    ट्रंप लगातार मिला रहे थे फोन, पीएम मोदी ने बात करने से कर दिया था इनकार; इस रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

    जर्मन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन पीएम मोदी ने इनकार कर दिया। रिपोर्ट में टैरिफ और अर्थव्यवस्था को लेकर तनाव की बात कही गई है। सरकारी सूत्रों ने इस दावे को खारिज किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी नीतियों से भारत और चीन के संबंध बढ़ सकते हैं।

    By Digital Desk Edited By: Prince Gourh Updated: Tue, 26 Aug 2025 11:30 PM (IST)
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    ट्रंप के कॉल को पीएम मोदी ने किया अनसुना (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के रिश्तों में हाल के दिनो में तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर ऑलगेमाइन (FAZ) की एक रिपोर्ट ने इस खटास को और चर्चा में लिया दिया है।

    रिपोर्ट में दाव किया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के दिनों में कम से कम चार बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन पीएम मोदी ने हर बार कॉल रिसीव करने से इनकार कर दिया। हालांकि, सरकारी सूत्रों ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है।

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    अमेरिका ने क्यों लगाया भारी टैरिफ?

    जर्मन अखबार ने लिखा कि पीएम मोदी का यह रुख उनके गुस्से और सतर्कता दोनों को दिखाता है। ट्रंप ने तब कॉल करने की कोशिश की थी जब उनकी सरकार ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया था, जो ब्राजील के अलावा किसी भी अन्य देश पर नहीं लगाया गया।

    भारत-अमेरिका के रिश्तों में खटास तब गहरी हुई जब ट्रंप ने भारत को 'ट्रेड सरप्लस' को लेकर निशाना बनाया और रूस से तेल खरीदने पर पेनल्टी भी लगाई। बर्लिन स्थित ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी इंस्टिट्यूट के सह-संस्थापक थॉर्स्टन बेनर ने भी इस रिपोर्ट को शेयर किया और दावा किया कि पीएम मोदी ने ट्रंप के कॉल नहीं उठाए।

    भारत की अर्थव्यवस्था को बताया था 'डेड इकोनॉमी'

    31 जुलाई को ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को डेड इकोनॉमी बताया था। इसके जवाब में पीएम मोदी ने 10 अगस्त को कहा कि भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की ओर बढ़ रहा है।

    अखबार का मानना है कि ट्रंप के बयान से पीएम मोदी आहत हुए थे। रिपोर्ट में कहा गया कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि ट्रंप किसी अधूरे समझौते को अपने फायदे के लिए बड़ा एलान कर दें, जैसा उन्होंने वियतनाम के साथ किया था।

    'भारत नहीं करेगा चीन का विरोध'

    न्यूयॉर्क स्थित न्यू स्कूल के प्रोफेसर मार्क फ्रेजियर ने कहा कि भारत कभी भी अमेरिका के दबाव में आकर चीन का विरोध नहीं करेगा। उनका कहना है कि अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति कमजोर हो रही है और भारत-चीन के बीच नजदीकी बढ़ सकती है।

    फ्रेजियर के अनुसार, भारत और चीन दोनों अपने औद्योगिक विकास और वैश्विक प्रभाव को बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे में ट्रंप की नीतियां उल्टा भारत को चीन के करीब ला सकती है। इसी बीच पीएम मोदी चीन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में भी हिस्सा लेने जा रहे हैं।

    ट्रंप का सीजफायर का दावा

    ट्रंप ने दावा किया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर सिर्फ उनकी कोशिशों से संभव हुआ। भारत ने इसे कई बार खारिज किया और कहा कि यह बातचीत सीधे भारत-पाकिस्तान के बीच हुई थी।

    ट्रंप का पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को ओवल ऑफिस में डिनर पर बुलाना भी भारत को नागवार गुजरा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में ट्रंप के नाम से बनाए गए लग्जरी टावर भी विवाद का कारण बने हैं।

    कब हुई थी पीएम मोदी-ट्रंप की बात?

    इधर विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि पीएम मोदी और ट्रंप की आखिरी फोन कॉल 17 जून को हुई थी। बातचीत करीब 35 मिनट चली थी और इसमें आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई थी।

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