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    India and Vostok 2022: जापान की खातिर भारत ने रूस के प्रस्‍ताव को खारिज किया, वोस्‍टोक 2022 में नहीं लेगा हिस्‍सा

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Tue, 30 Aug 2022 01:45 PM (IST)

    India and Vostok 2022 रूस और चीन की नौसेना के युद्धपोत जापान सागर में वोस्‍टोक 2022 नाम से युद्धाभ्‍यास शुरू करेंगे। यह माना जा रहा है कि दोनों देश इस सैन्‍य अभ्‍यास के जरिए अमेरिका और जापान के साथ तनाव के बीच शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं।

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    India and Vostok 2022: जापान की खातिर भारत ने रूस के प्रस्‍ताव को खारिज किया। एजेंसी।

    नई दिल्‍ली, जेएनएन। India and Vostok 2022: आस्‍ट्रेलिया में भारत समेत कई चीन विरोधी देशों के वायु सेना अभ्‍यास के बाद अब रूस और चीन जापान सागर में वोस्‍टोक 2022 नाम से नौसैनिक अभ्‍यास करने जा रहे हैं। इस युद्धाभ्‍यास के लिए रूस ने भारत को भी आमंत्रित किया था, लेकिन नई दिल्‍ली ने नहीं कर दिया। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि भारत-रूस दोस्‍ती के बावजूद नई दिल्‍ली ने इस अभ्‍यास से क्‍यों किनारा किया है।

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    1- रूस और चीन की नौसेना के युद्धपोत जापान सागर में वोस्‍टोक 2022 नाम से युद्धाभ्‍यास शुरू करेंगे। यह माना जा रहा है कि दोनों देश इस सैन्‍य अभ्‍यास के जरिए अमेरिका और जापान के साथ तनाव के बीच शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। रूस और चीन की इस रणनीति को देखते हुए भारत ने खुद को इस युद्धाभ्‍यास से अलग कर लिया है। गौरतलब है कि इस अभ्‍यास का जापान ने व‍िरोध किया है। इससे पहले भारत ने वोस्‍टोक 2022 बहुदेशीय सैन्‍य अभ्‍यास के लिए रूस के आमंत्रण को स्‍वीकार किया था।

    2- यूक्रेन जंग और ताइवान तनाव के बीच रूस और चीन कई अन्‍य देशों के साथ मिलकर जापान सागर में एक से सात सितंबर के बीच वोस्‍टोक 2022 नाम से नौसैनिक अभ्‍यास करने जा रहे हैं। इस युद्धाभ्‍यास के लिए रूस ने भारत को भी आमंत्रित किया था, लेकिन मोदी सरकार ने इस अभ्‍यास में शामिल होने से मना कर दिया है। खास बात यह है कि नौ सैनिक अभ्‍यास जापान के पास होने जा रहा है। इन दिनों जापान का रूस और चीन दोनों के साथ ही तनाव चल रहा है। बताया जा रहा है कि भारत ने अपने करीबी दोस्‍त जापान के साथ रिश्‍ते की संवेदनशीलता को देखते हुए इस नौसैनिक अभ्‍यास से मना किया है।

    3- जापान ने रूस को भी इस सैन्‍य अभ्‍यास के लिए मना किया था, लेकिन रूस ने उसके इस आग्रह हो खारिज कर दिया है। रूस, चीन व अन्‍य देशों के साथ जापान सागर में अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे। भारत ने जापान के आग्रह को स्‍वीकार करते हुए इस सैन्‍य अभ्‍यास से किनारा कर लिया है। इस सैन्‍य अभ्‍यास में रूस, चीन, सीरिया, ताजिकिस्‍तान, अजरबैजान, बेलारूस, कजाखस्‍तान, किर्गिस्‍तान और लाओस हिस्‍सा ले रहे हैं।

    4- उधर, जापान ने रूस के इस नौसैनिक अभ्‍यास पर सख्‍त एतराज जताया है। रूस और चीन जिस इलाके में यह अभ्‍यास करने जा रहे हैं वह उसकी उत्‍तरी सीमा के पास स्थित है। इसे कुरिल द्वीप कहा जाता है। इस द्वीप पर जापान और रूस दोनों ही दावा करते हैं। दक्षिणी कुरिल द्वीप समूह जापान के होक्‍कैदिओ और रूस के कामचाटका द्वीप समूह के बीच स्थित है। जापान ने रूस के साथ अपने व‍िरोध को दर्ज करा दिया है।

    आखिर क्‍या है भारत का स्‍टैंड

    भारत ने रूस के साथ संतुलन बनाते हुए सेना के युद्धाभ्‍यास में हिस्‍सा लेने का फैसला किया है, लेकिन इसके नौसैनिक अभ्‍यास से साफ दूरी बना ली है। बता दें कि जापान भारत का घनिष्‍ठ सहयोगी है और क्‍वाड का सदस्‍य देश है। जापान भारत में जमकर निवेश कर रहा है। भारत ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के दबाव के बाद भी यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की आलोचना नहीं की थी। इस बीच चीन और जापान के बीच ताइवान को लेकर तनाव काफी बढ़ गया है। चीन की सीमा के पास जापान अपनी क्रूज मिसाइलों की तैनाती करने जा रहा है।