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    फ्रांस में हिरासत में लिए गए विमान के भारतीयों के संपर्क में आए दूतावास अधिकारी, मानव तस्करी का है संदेह

    एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रीफेक्चर ने कहा कि विमान को ईंधन भरना था और उसमें 303 भारतीय नागरिक सवार थे जो संभवत संयुक्त अरब अमीरात में कार्यरत थे। एक विशेष फ्रांसीसी संगठित अपराध इकाई सीमा पुलिस और विमानन जेंडरमेस के जांचकर्ता मामले पर काम कर रहे हैं। विमान का स्वामित्व रोमानियाई चार्टर कंपनी लीजेंड एयरलाइंस के पास है।

    By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Sat, 23 Dec 2023 05:39 PM (IST)
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    भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने अपने यात्रियों से किया संपर्क (फाइल फोटो)

    पीटीआई, पेरिस। फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा पेरिस के पास एक हवाई अड्डे पर मानव तस्करी के मामले में हिरासत में लिए गए विमान के भारतीय नागरिकों को थोड़ी राहत मिली है। दरअसल, अब फ्रांस में भारत के दूतावास अपने नागरिकों तक पहुंच गए हैं।

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    स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार को फ्रांसीसी अधिकारियों के हवाले से बताया कि 303 भारतीय यात्रियों को लेकर संयुक्त अरब अमीरात से उड़ान भरने वाले विमान को मानव तस्करी के संदेह में गुरुवार को फ्रांस में रोक दिया गया।

    भारतीय यात्रियों तक पहुंचे दूतावास अधिकारी

    भारतीय मिशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "फ्रांसीसी अधिकारियों ने हमें सूचित किया कि दुबई से निकारागुआ जा रहे 303 लोगों, जिनमें ज्यादातर भारतीय मूल के लोग थे, उनको एक फ्रांसीसी हवाई अड्डे पर तकनीकी रुकावट के कारण हिरासत में लिया गया है।"

    साथ ही कहा गया, "दूतावास की टीम और कांसुलर उन तक पहुंच गई है। हम स्थिति की जांच कर रहे हैं, साथ ही यात्रियों की भलाई भी सुनिश्चित कर रहे हैं।"

    लोगों से हो रही पूछताछ

    पेरिस अभियोजक के कार्यालय ने एक बयान में कहा, "विशेष जांचकर्ता विमान में सवार सभी लोगों से पूछताछ कर रहे हैं और दो लोगों को आगे की जांच के लिए हिरासत में रखा गया है।"

    रिपोर्ट में किए गए कई दावे

    एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रीफेक्चर ने कहा कि विमान को ईंधन भरना था और उसमें 303 भारतीय नागरिक सवार थे, जो संभवत: संयुक्त अरब अमीरात में कार्यरत थे। रिपोर्टों के मुताबिक, भारतीय यात्रियों ने मध्य अमेरिका पहुंचने के लिए यात्रा की योजना बनाई थी, जहां से वे अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में एंट्री करने की कोशिश कर रहे थे।

    गुप्त सूचना से मिली मानव तस्करी की जानकारी

    फ्रांस में उतरने के बाद, यात्रियों को पहले विमान में रखा गया, लेकिन फिर बाहर निकाल दिया गया और टर्मिनल भवन में अलग-अलग बिस्तर दिए गए। पूरे हवाईअड्डे को पुलिस ने घेर लिया था। अभियोजक के कार्यालय ने कहा कि एक गुप्त सूचना से संकेत मिला कि विमान ऐसे लोगों को ले जा रहा था, जो मानव तस्करी के शिकार हो सकते हैं।

    एक विशेष फ्रांसीसी संगठित अपराध इकाई, सीमा पुलिस और विमानन जेंडरमेस के जांचकर्ता मामले पर काम कर रहे हैं। विमान का स्वामित्व रोमानियाई चार्टर कंपनी लीजेंड एयरलाइंस के पास है।

    यात्रियों के दस्तावेज हुए वेरीफाई

    वकील के मुताबिक, एयरलाइन ने यात्रियों के दस्तावेजों का पूरी तरह वेरिफिकेशन किया, जिससे पता लग सके कि उन्हें निकारागुआ जाने का अधिकार है और उनके पास वैध पासपोर्ट हैं।

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    वकील ने कहा, "हमें उम्मीद है कि अधिकतम एक या दो दिनों के भीतर विमान रवाना हो सकेगा।" फ्लाइटरडार वेबसाइट के मुताबिक, लीजेंड एयर के पास चार विमानों का एक छोटा बेड़ा है। यदि कोई विदेशी नागरिक फ्रांस में उतरता है और उसे अपने इच्छित गंतव्य तक यात्रा करने से रोका जाता है, तो फ्रांसीसी सीमा पुलिस शुरू में चार दिनों तक उसे रोक सकती है।

    यदि न्यायाधीश मंजूरी देते हैं तो, फ्रांसीसी कानून उस अवधि को आठ दिनों तक बढ़ाने का अधिकार है। मालूम हो कि फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सजा का प्रावधान है।

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