UN Security Council: भारत ने UNSC के प्रतिबंधों से सहायता को छूट देने के प्रस्ताव से बनाई दूरी
संयुक्त राष्ट्र की सभी प्रतिबंध व्यवस्थाओं में मानवीय छूट की स्थापना करने वाले एक प्रस्ताव पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भाग नहीं लिया। ...और पढ़ें

संयुक्त राष्ट्र,एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र की सभी प्रतिबंध व्यवस्थाओं में मानवीय छूट की स्थापना करने वाले एक प्रस्ताव पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भाग नहीं लिया। भारत के अनुसार, काली सूची में डाले गए आतंकी समूहों, जिनमें उसके पड़ोसी भी शामिल हैं, ने इस तरह के मौकों का पूरा फायदा उठाया है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उपयोग करके धन जुटाया है और लड़ाकों की भर्ती भी की है।
#WATCH | "...Dialogue & diplomacy are the only way forward. The actions that exacerbate the conflict should be avoided...As our PM has said, today’s era isn't an era of war..." Ruchira Kamboj, India's Amb at UNSC Briefing on Ukraine.
(Video: Permanent Mission of India to the UN) pic.twitter.com/wrPYYErMqd
— ANI (@ANI) December 10, 2022
15 देशों की परिषद जिसकी अध्यक्षता वर्तमान में भारत कर रहा है, ने शुक्रवार को उस प्रस्ताव पर मतदान किया, जिसे अमेरिका और आयरलैंड ने प्रतिबंध लगाने के लिए पेश किया था।
भारत रहा अनुपस्थित
बता दें कि इस दौरान सिर्फ भारत अनुपस्थित था, जबकि परिषद के अन्य सभी 14 सदस्यों ने इस पक्ष में मतदान किया, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि मानवीय सहायता की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए धन, अन्य वित्तीय संपत्तियों, आर्थिक संसाधनों, वस्तुओं और सेवाओं के प्रावधान का प्रसंस्करण या भुगतान आवश्यक है और यह अनुमत हैं और परिषद या इसकी प्रतिबंध समिति द्वारा लगाए गए संपत्ति फ्रीज का उल्लंघन नहीं हैं।
परिषद की अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने अपने वोट का स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि हमारी चिंता इस बात से है कि आतंकवादी समूह इस तरह के मौकों का फायदा उठाते हैं।
कंबोज ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों का भी जिक्र किया। उन्होंने जमात-उद-दावा (जमात-उद-दावा) के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि हमारे पड़ोस में आतंकवादीसमूहों के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें इस परिषद द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी समूह भी शामिल हैं।
पाकिस्तान में स्थित हैं कई संगठन
फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ), आतंकवादी संगठनों जेयूडी और लश्कर द्वारा संचालित एक धर्मार्थ संस्था और अल रहमत ट्रस्ट, जो एक अन्य आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) द्वारा समर्थित है, भी पाकिस्तान में स्थित हैं। उन्होंने कहा, ये आतंकवादी संगठन धन जुटाने और सेनानियों की भर्ती के लिए मानवीय सहायता का उपयोग करते हैं।
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काम्बोज ने फिर से कहा, किसी भी परिस्थिति में इन छूटों द्वारा प्रदान किए जाने वाली मानवीय सहायता की आड़ में प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों द्वारा इस क्षेत्र और अपनी आतंकी गतिविधियों का विस्तार करने के लिए दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तरह की छूट से राजनीतिक क्षेत्र में आतंकी संस्थाओं को 'मुख्यधारा' में लाने में मदद नहीं मिलनी चाहिए। इसलिए सावधानी बरतना आवश्यक है।

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