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    जर्मनी में युवाओं का रोल मॉडल बन रहा हिटलर, सोशल मीडिया पर नफरत का प्रचार; एक्सपर्ट्स जता रहे इस बात की चिंता

    जर्मनी में कट्टरपंथ और नस्लभेद तेजी से बढ़ रहा है। पूर्वी राज्यों के शहरों में नाजी प्रतीक और हिटलर के समर्थन में नारे आम हो रहे हैं। स्कूलों में बच्चे हिटलर सैल्यूट करते हैं और नस्लवादी गाने गाते हैं। नाजी विचारधारा पॉप कल्चर का हिस्सा बन गई है और सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर अपराध किए जा रहे हैं।

    By Jagran News Edited By: Abhishek Pratap Singh Updated: Sat, 05 Jul 2025 10:11 AM (IST)
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    पूर्वी जर्मनी के ग्रामीण इलाकों में नाजी होना पॉप कल्चर का हिस्सा बन चुका है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जर्मनी में कट्टरपंथ और नस्लभेद बहुत तेजी से पनप रहा है। पूर्वी राज्य सैक्सनी-अनहाल्ट के डेसाउ, ड्रेसडेन और बर्लिन जैसे शहरों की सड़कों और दीवारों पर नाजी प्रतीक, हिटलर के समर्थन में बनाए गए चित्र और नफरत भरे नारे आम हो रहे हैं। ये समस्या सिर्फ कुछ शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे जर्मनी में इस तरह का चलन सा बनता जा रहा है।

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    स्कूल-कॉलेज और अन्य इमारतों की दीवारों पर विदेशी बाहर जाएं जैसे नारे लिखे गए हैं। साथ ही हिटलर की फोटो छापी गई है। स्कूलों में बच्चे हिटलर सैल्यूट करते हैं, थर्ड जेंडर विरोधी गाने गाते हैं और शुद्ध जर्मन वर्ग की बात करते हैं। इतना ही नहीं कुछ तो अपराध करने के लिए सोशल मीडिया पर ग्रुप भी बना रहे हैं।

    नाजी होना बन चुका है पॉप कल्चर का हिस्सा

    पूर्वी जर्मनी के ग्रामीण इलाकों में नाजी होना पॉप कल्चर का हिस्सा बन चुका है और दीवारों पर अमेरिकी रैपर कान्ये वेस्ट के गाने हेल हिटलर लिखना अब कुछ लोगों को कूल लगता है। बीते एक साल में राजनीत से प्रेरित अपराधों में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

    एक्सपर्ट्स की मानें तो नाजी विचारधारा को पॉप कल्चर के रूप में अपनाना और उसे इंस्टाग्राम, हिंसक ग्रुप्स और ट्रेनिंग कैंप के जरिए प्रचारित करने का अब ट्रेंड बन चुका है। जर्मनी में अब सिर्फ ऑनलाइन ट्रोलिंग नहीं बल्कि सड़क पर हमला, स्कूलों में डर फैलाना और संगठित नाजी समूहों की ओर से अपराध करना आम होता जा रहा है।

    120 से ज्यादा नव-नाजी युवाओं के ग्रुप एक्टिव

    जर्मनी में 120 से ज्यादा नव-नाजी युवाओं के ग्रुप एक्टिव हैं। ये सोशल मीडिया से लेकर शहर की गलियों तक नफरत का प्रचार कर रहे हैं। ये युवा खुद को हिटलर की अर्धसैनिक विंग की आधुनिक कड़ी मानते हैं। हालांकि इसके विरोध में भी आवाज तेज हो रही है। कुछ प्रोजेक्ट हिटलर और नाजी सोच के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

    जताई जा रही इस बात को लेकर चिंता

    जानकारों की चिंता इसलिए और गहरी हो गई क्योंकि अडॉल्फ हिटलर कोई आम नेता नहीं बल्कि एक तानाशाह था, जिसने 1933 से लेकर 1945 तक जर्मनी पर राज किया। उसकी विचारधारा कट्टर राष्ट्रवाद, नस्लवाद और यहूदी विरोध पर आधारित थी। उसके शासन में लगभग 60 लाख यहूदियों का नरसंहार किया गया था। इन कुछ कारणों की वजह से एक्सपर्ट्स इसे खतरनाक संकेत मान रहे हैं।

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