Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्विट्जरलैंड में तेजी से पिघल रहले ग्लेशियर, पर्यटन और कृषि पर पड़ रहा प्रभाव

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 01 Oct 2025 10:29 PM (IST)

    दुनियाभर में स्विट्जरलैंड ग्लेशियरों के लिए प्रसिद्ध है अगर सोचो ग्लेशियर ही नहीं रहे तो क्या होगा? स्विट्जरलैंड में लगभग 1400 ग्लेशियर हैं जो यूरोप के किसी भी देश से सबसे अधिक है और बर्फ के इस विशाल क्षेत्र और इसके धीरे-धीरे पिघलने से कई यूरोपीय देशों में जल विद्युत पर्यटन कृषि और जल संसाधनों पर प्रभाव पड़ रहा है।

    Hero Image
    स्विट्जरलैंड में 1,000 से अधिक छोटे पैमाने पर पूरी तरह से गायब हो गए हैं (सांकेतिक तस्वीर)

     एपी, स्विट्जरलैंड। दुनियाभर में स्विट्जरलैंड ग्लेशियरों के लिए प्रसिद्ध है, अगर सोचो ग्लेशियर ही नहीं रहे तो क्या होगा? स्विट्जरलैंड में लगभग 1,400 ग्लेशियर हैं, जो यूरोप के किसी भी देश से सबसे अधिक है और बर्फ के इस विशाल क्षेत्र और इसके धीरे-धीरे पिघलने से कई यूरोपीय देशों में जल विद्युत, पर्यटन, कृषि और जल संसाधनों पर प्रभाव पड़ रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस वर्ष भारी मात्रा में हुई पिघलन

    शीर्ष स्विस ग्लेशियोलॉजिस्टों ने बुधवार को बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के कारण इस वर्ष स्विट्जरलैंड के ग्लेशियरों में भारी मात्रा में पिघलन हुई है, जिसके कुल आयतन में तीन प्रतिशत की गिरावट आई है - जो रिकॉर्ड में चौथी सबसे बड़ी वार्षिक गिरावट है।

    यूरोप में सबसे अधिक ग्लेशियर

    स्विस ग्लेशियर निगरानी समूह ग्लैमोस और स्विस एकेडमी ऑफ साइंसेज ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा कि इस वर्ष बर्फ में आई कमी का अर्थ है कि स्विट्जरलैंड में बर्फ का द्रव्यमान - जहां यूरोप में सबसे अधिक ग्लेशियर हैं, पिछले दशक की तुलना में एक-चौथाई कम हो गया है।

    वैज्ञानिकों ने कहा कि 2025 में स्विट्जरलैंड में ग्लेशियरों का पिघलना एक बार फिर बहुत ज्यादा हो गया है। कम बर्फ वाली सर्दियों और जून और अगस्त में पड़ने वाली गर्म लहरों के कारण ग्लेशियरों के आयतन में तीन फीसदी की कमी आई।

    स्विट्जरलैंड में 1,000 से अधिक छोटे ग्लेशियर गायब हुए

    विशेषज्ञों ने बताया कि स्विट्जरलैंड में 1,000 से अधिक छोटे ग्लेशियर पहले ही लुप्त हो चुके हैं। टीमों ने बताया कि कम बर्फबारी वाली सर्दियों के बाद जून में लू चली – जो अब तक का दूसरा सबसे गर्म जून था – जिससे जुलाई की शुरुआत तक बर्फ के भंडार समाप्त हो गए। उन्होंने बताया कि बर्फ के ढेर पहले से कहीं ज्यादा जल्दी पिघलने लगे हैं।