ट्रंप के H-1B 'वीजा बम' के बाद इस देश ने किया भारतीयों का स्वागत, कहा- आपके लिए यहां अच्छे मौके
जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने भारतीय पेशेवरों को जर्मनी में नौकरी के अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि जर्मनी की आप्रवासन नीतियां स्थिर और आधुनिक हैं खासकर आईटी प्रबंधन विज्ञान और तकनीक जैसे क्षेत्रों में। उन्होंने यह भी बताया कि जर्मनी में काम करने वाले भारतीय औसत जर्मन से अधिक कमाते हैं जो उनके योगदान को दर्शाता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में H-1B वीजा कार्यक्रम को लेकर चल रहे विवाद और ट्रंप प्रशासन की ओर से वीजा शुल्क को बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर करने के फैसले ने भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
इस बीच, जर्मनी ने भारतीय प्रतिभाओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने भारतीय पेशेवरों से जर्मनी में आईटी, प्रबंधन, विज्ञान और तकनीक क्षेत्रों में उपलब्ध नौकरी के अवसरों का लाभ उठाने की अपील की है।
उन्होंने मंगलवार को X पर लिखा, "मैं सभी हाई स्किल्ड भारतीयों से अपील करता हूं। जर्मनी अपनी स्थिर आप्रवासन नीतियों और आईटी, प्रबंधन, विज्ञान और तकनीक में भारतीयों के लिए शानदार नौकरी के अवसरों के साथ खड़ा है।"
Here is my call to all highly skilled Indians.
Germany stands out with its stable migration policies, and with great job opportunities for Indians in IT, management, science and tech.
Find your way to Germany to boost your career: https://t.co/u5CmmrHtoF pic.twitter.com/HYiwX2iwME
— Dr Philipp Ackermann (@AmbAckermann) September 23, 2025
जर्मनी में भारतीयों की कमाई इतनी करते हैं कमाई
एकरमैन ने एक वीडियो में बताया कि जर्मनी में काम करने वाले भारतीय वहां के औसत नागरिकों से अधिक कमाई करते हैं।
उन्होंने कहा, "जर्मनी में काम करने वाला औसत भारतीय, औसत जर्मन से ज्यादा कमाता है। हाई सैलरी इस बात का सबूत है कि भारतीय हमारे समाज और कल्याण में बड़ा योगदान दे रहे हैं। हम मेहनत में भरोसा करते हैं और सर्वश्रेष्ठ नौकरियां सर्वश्रेष्ठ लोगों को देते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि जर्मनी की आप्रवासन नीतियां विश्वसनीय और आधुनिक हैं, जो बिना किसी अप्रत्याशित बदलाव के सुचारू रूप से काम करती हैं।
अमेरिका की बदलती पॉलिसी पर भी किया तंज
जर्मन राजदूत ने अमेरिका की बदलती आप्रवासन नीतियों पर तंज कसते हुए जर्मनी की नीतियों की तुलना जर्मन कारों से की, जो विश्वसनीयता के लिए जानी जाती हैं।
उन्होंने कहा, "हमारी आप्रवासन नीति जर्मन कार की तरह है, विश्वसनीय, आधुनिक और भविष्यवाणी योग्य। यह सीधी रेखा में चलती है, बिना किसी अनिश्चितता के, और आपको अचानक रुकने का डर नहीं होता।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि जर्मनी अपनी नीतियों में रातोंरात बड़े बदलाव नहीं करता, जिससे पेशेवरों को स्थिरता और भरोसा मिलता है।
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