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    France Wildfire: फ्रांस के जंगलों में लगी इस दशक की सबसे बड़ी आग, चारों तरफ दिखे तबाही के निशान

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 08:42 AM (IST)

    दक्षिण फ्रांस के जंगलों में भीषण आग लगने से भारी तबाही हुई है। आग पर काबू पाने के लिए 2000 से अधिक अग्निशमन कर्मियों को तैनात किया गया है। आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह इस गर्मी में फ्रांस में लगी सबसे बड़ी जंगल की आग है। जलवायु परिवर्तन के कारण आग लगने की आशंका जताई जा रही है।

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    फ्रांस के जंगलों में भीषण आग, 2,000 अग्निशमन कर्मी तैनात। (फोटो- रॉयटर्स)

    एपी, विला रूज ला क्रेमा डे। दक्षिण फ्रांस के जंगलों में मंगलवार को इस दशक की सबसे भीषण आग भड़क उठी। आग पर काबू पाने के लिए 2,000 अग्निशमन कर्मियों को फौरन तैनात किया गया। आग ने एक विशाल क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है। इसके चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है।

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    जंगल में फैली इस आग पर काबू पाने का काम जारी है। अधिकारियों ने बताया कि यह इस गर्मी में फ्रांस में लगी सबसे बड़ी जंगल की आग थी। बता दें कि आग गुरुवार को थोड़ी धीमी हो रही है।

    बमवर्षक विमानों से पानी का छिड़काव

    जंगल में फैली इस आग पर काबू पाने के लिए लगातार प्रयास जारी है। मंगलवार को शुरू हुई और औड क्षेत्र के कॉर्बियर्स पर्वत श्रृंखला को चीरती हुई यह आग 2,100 से ज्यादा अग्निशामकों और कई जल बमवर्षक विमानों की तैनाती के बावजूद अभी तक काबू नहीं पाई जा सकी है।

    अभी तक आग पर काबू पाने की कोशिश जारी

    बता दें कि दक्षिणी फ्रांस में फैली में फैली यह आग गुरुवार कर काबू में नहीं आ सकी है। बताया गया रात में ठंडे तापमान और शांत हवाओं ने स्थिति को थोड़ा कम करने में मदद की। हालांकि बाद में हवा तेज हो गई, लेकिन अग्निशामकों को उम्मीद थी कि वे गुरुवार के अंत तक आग पर काबू पा लेंगे।

    लोगों को अस्थायी सेल्टर होम तक पहुंचाया गया

    जानकारी के अनुसार, आग लगने की वजहों को तलाशने का काम जारी है। इस भयानक आग के कारण पेड़ों की राख जमीन पर बिखरी हुई है। इस बीच सेंट-लॉरेंट-डे-ला-कैब्रेरिस के मेयर ज़ेवियर डी वोलोंटाट ने बताया कि यह सोचकर बहुत दुख होता है कि हम अपने कॉर्बियर्स क्षेत्र की कैसी छवि बनाने जा रहे हैं, जहां के तबाह हो चुके भू-भाग और हताश महिलाएं और पुरुष, न सिर्फ आज या कल, बल्कि आने वाले हफ़्तों और महीनों तक रहेंगे। इसे फिर से बनाने में सालों लगेंगे।

    वहीं, आस-पास के इलाकों में रहने वाले निवासियों और पर्यटकों को अपने घरों में ही रहने को कहा गया है, जब तक कि उन्हें घर खाली करने के लिए न कहा जाए। जो लोग पहले ही आग की लपटों से बचकर निकल आए थे, उन्हें 17 नगर पालिकाओं के अस्थायी आवास केंद्रों में रात भर आश्रय दिया गया।

    जलवायु परिवर्तन के कारण लगी आग

    बता दें कि दक्षिणी यूरोप में इस गर्मी में कई बड़ी आग लग चुकी हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन गर्मी और सूखे की आवृत्ति और तीव्रता को बढ़ा रहा है, जिससे यह क्षेत्र जंगल की आग के प्रति अधिक संवेदनशील हो रहा है।

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