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    मलेशिया के पूर्व पीएम नजीब रज्जाक को 12 साल की जेल, 370 करोड़ रुपये का लगाया गया जुर्माना

    By Dhyanendra SinghEdited By:
    Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:17 PM (IST)

    न्यायाधीश मोहम्मद नजलान गजाली ने दो घंटे तक फैसले को पढ़ने के बाद कहा मैं आरोपी को दोषी पाता हूं और सभी सात आरोपों में दोषी करार देता हूं।

    मलेशिया के पूर्व पीएम नजीब रज्जाक को 12 साल की जेल, 370 करोड़ रुपये का लगाया गया जुर्माना

    कुआलालंपुर, एजेंसियां। मलेशिया की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक को अरबों डॉलर के सरकारी निवेश से जुड़े भ्रष्टाचार के पहले मुकदमे में मंगलवार को दोषी करार दिया। उन्हें 12 साल जेल की सजा सुनाई गई है। उन पर 210 मिलियन रिंगिट (49.40 मिलियन अमेरिकी डॉलर-लगभग 370 करोड़ रुपये) का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला नए सत्तारूढ़ गठबंधन में नजीब की पार्टी के सबसे बड़े सहयोगी गठबंधन के रूप में शामिल होने के पांच महीने बाद आया है। अरबों डालर के घोटाले को लेकर जनता के गुस्से के चलते 2018 में नजीब की पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था।

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    न्यायाधीश मोहम्मद नजलान गजाली ने दो घंटे तक फैसले को पढ़ने के बाद कहा, 'मैं आरोपी को दोषी पाता हूं और सभी सात आरोपों में दोषी करार देता हूं।' विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला नजीब के अन्य मुकदमों पर असर डालेगा और कारोबारी समुदाय को भी यह संकेत जाएगा कि मलेशिया का कानूनी तंत्र अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराधों से निपटने में मजबूत हो चुका है। नजीब (67) ने आगे अपील करने की बात कही है। उनका कहना है कि धूर्त बैंकरों ने उन्हें भटका दिया और यह उनके खिलाफ राजनीतिक मामला है। उन्होंने सोमवार देर रात फेसबुक पर लिखा, 'पहले दिन से मैंने कहा है, यह मेरे लिए अपने नाम से धब्बा हटाने का मौका है? इसके बाद, हम अदालत में अपील करेंगे, मैं तैयार हूं।'

    पांच अलग-अलग मुकदमों में 42 आरोपों का कर रहे सामना

    नजीब पांच अलग-अलग मुकदमों में 42 आरोपों का सामना कर रहे हैं और उन्हें कई साल तक की सजा हो सकती है। मौजूदा मुकदमे में सत्ता के दुरुपयोग का एक आरोप, भरोसा तोड़ने के तीन आपराधिक आरोप और मनी लांड्रिंग के तीन आरोप शामिल हैं। भरोसा तोड़ने के तीन आपराधिक आरोपों और मनी लांड्रिंग के तीन आरोपों में भी उन्हें 10 साल की सजा दी गई है। हालांकि यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

    1एमडीबी कोष से अरबों डॉलर की हेराफेरी का आरोप

    नजीब एक राजनीतिक घराने से आते हैं। उनके पिता और चाचा मलेशिया के दूसरे और तीसरे प्रधानमंत्री थे। पदभार संभालने के बाद वर्ष 2009 में नजीब ने मलेशिया के आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए 1एमडीबी कोष की स्थापना की थी। इसी कोष से अरबों डॉलर की हेराफेरी का आरोप लगा। नजीब ने भ्रष्टाचार के आरोपों को वर्षो तक लटकाए रखा। उनके खिलाफ जांच में तेजी तब आई जब 2018 में नजीब चुनाव हार गए और देश की बागडोर भारत विरोधी महातिर मोहम्मद के हाथ में आई। वर्तमान समय में देश की बागडोर मौजूदा मलय राष्ट्रवादी गठबंधन के हाथ में हैं। इस गठबंधन में नजीब की पार्टी एक बड़ा सहयोगी दल है। मुह्याद्दीन यासीन की पार्टी द्वारा पिछली सुधारवादी सरकार को गिराने के बाद इस गठबंधन की मार्च में स्थापना हुई थी।