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    जेलेंस्की का नाटो से उठा भरोसा? जर्मनी में बोले- यूरोप अपनी मजबूत सेना बनाए

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 16 Feb 2025 06:20 AM (IST)

    यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के रुख को देखते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सुर बदल गए हैं। जर्मनी में हो रहे सुरक्षा सम्मेलन में उन्होंने रूस से मुकाबले के लिए मजबूत यूरोपीय सेना के गठन की आवश्यकता जताई है। उन्होंने कहा यूरोप लंबे समय तक अमेरिका से सुरक्षा की उम्मीद नहीं कर सकता है। यूरोप को अमेरिका से तभी सम्मान मिलेगा जब उसके पास भी मजबूत सेना होगी।

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    यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, हम अमेरिका से सुरक्षा की उम्मीद नहीं रख सकते (फोटो- रॉयटर)

     रॉयटर, म्यूनिख। यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के रुख को देखते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सुर बदल गए हैं। जर्मनी में हो रहे सुरक्षा सम्मेलन में उन्होंने रूस से मुकाबले के लिए मजबूत यूरोपीय सेना के गठन की आवश्यकता जताई है।

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    यूरोपीय देशों पर भविष्य में रूसी हमले की आशंका जताई

    उन्होंने कहा, यूरोप लंबे समय तक अमेरिका से सुरक्षा की उम्मीद नहीं कर सकता है। यूरोप को अमेरिका से तभी सम्मान मिलेगा जब उसके पास भी मजबूत सेना होगी। जेलेंस्की ने यूक्रेन के बाद अन्य यूरोपीय देशों पर भविष्य में रूसी हमले की आशंका जताई है। सम्मेलन में अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस और सभी जी 7 देशों के विदेश मंत्री भी भाग ले रहे हैं।

    यूक्रेन युद्ध को लेकर कही ये बात

    जेलेंस्की ने कहा, यूक्रेन युद्ध को लेकर होने वाले युद्धविराम समझौते को तभी स्वीकार किया जाएगा जब वार्ता में यूक्रेन भी शामिल होगा। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने संभावना जताई कि द्वितीय विश्वयुद्ध की जीत की वर्षगांठ पर मास्को में होने वाली सैन्य परेड में रूस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सम्मानजनक रूप में नहीं बल्कि प्रोप (मंच के सजावटी सामान) के तौर पर इस्तेमाल के लिए आमंत्रित कर सकता है।

    जेलेंस्की ने ये बातें तब कही हैं जब शुक्रवार को अमेरिकी उप राष्ट्रपति वेंस ने सम्मेलन में साफ तौर पर कहा कि अब अमेरिका और यूरोप के रिश्ते बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। शनिवार को अमेरिकी दूत ने सम्मेलन में स्पष्ट कर दिया कि यूक्रेन युद्ध को लेकर होने वाली शांति वार्ता में यूरोप को शामिल नहीं किया जाएगा।

    अमेरिका यूरोप का बाजार के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है

    जेलेंस्की ने कहा, अमेरिका यूरोप का बाजार के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है, सहयोगी नहीं बने रहना चाहता है। इसलिए यूरोप को अब एकजुट आवाज बनना होगा, दर्जनों अलग-अलग स्वर नहीं। इस आवाज में यूक्रेन भी शामिल होगा। विदित हो कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से यूरोप की सुरक्षा अमेरिका के नेतृत्व वाला सैन्य संगठन नाटो संभाल रहा है।

    यूरोप को अगर यूक्रेन की सुरक्षा की चिंता

    इस बीच अमेरिका ने कहा है कि यूरोप को अगर यूक्रेन की सुरक्षा की चिंता है तो वह वहां चल रहे युद्ध के लिए बड़ी सैन्य और आर्थिक मदद का एलान करे। यूक्रेन की जिम्मेदारियों को संभाले। अमेरिका ने इस बाबत कूटनीतिक पत्र यूरोपीय देशों को भेजा है। इस बीच यूक्रेन में जारी युद्ध में रूसी सेना ने पूर्वी भाग के महत्वपूर्ण वेरेजिव्का गांव को जीतने में सफलता पाई है।

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