Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NATO में यूएस की नौटंकी पर बोले मैक्रों- अमेरिका नहीं तो कोई बात नहीं, राफेल को बताया एफ-35 का ऑप्शन

    राफेल 4.5 पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है जो हवाई श्रेष्ठता और जमीनी हमले के मिशनों में सक्षम है। इसमें मेटियोर बी.वी.आर.ए.ए.एम. और स्कैल्प क्रूज मिसाइल सहित अनेक हथियार लगे हैं।

    By Sakshi Pandey Edited By: Sakshi Pandey Updated: Sat, 21 Jun 2025 01:38 PM (IST)
    Hero Image

    फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की एक्स पोस्ट फैली सनसनी (फाइल फोटो)

    जेएनएम, डिजिटल डेस्क। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने यूरोपीय साथियों को नया ऑफर दिया है। शुक्रवार (20 जून, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि यूरोपीयन फ्रेंड्स, राफेल आपको बुला रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नाटो से हटने की धमकी के बाद मैक्रों के इस मैसेज को यूरोप की बढ़ती सुरक्षा चिंता से जोड़कर देखा जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूरोप के बाकी हिस्सों के लिए एक स्पष्ट संदेश था - 'हमें अपनी संयुक्त सुरक्षा को मजबूत करने और महाद्वीपीय सुरक्षा के मामलों पर स्वतंत्र रूप से काम करने की जरूरत है।' इस तरह से 'राफेल कॉलिंग' एक्स पोस्ट यूरोप को अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने और अमेरिका पर निर्भरता कम करने के रूप में देखा जा रहा है।

    यूरोपीय स्वतंत्रता का प्रतीक क्यों है राफेल?

    दरअसल, राफेल को पूरी तरह से यूरोप के अंदर ही बनाया गया है। फांस में इसका डिजायन तैयार किया गया। इसका निर्माण और रखरखाव अमेरिका के भरोसे नहीं है। ये 4.5 जेनरेशन का मल्टीरोल फाइटर जेट है, जो हवा के साथ-साथ जमीन पर हमला करने वाले मिशनों को अंजाम दे सकता है। राफेल में MICA नाम की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल भी है।

    फिर भी एफ-35 की ओर भाग रहे यूरोपीय देश

    इसकी क्षमता के बावजूद, हाल के कुछ सालों में कई यूरोपीय देशों ने अमेरिका के एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान को चुना है। ये एक पांचवीं पीढ़ी का विमान है और इसे दुनिया में सबसे उन्नत विमानों में से एक माना जाता है। पोलैंड और फिनलैंड इसके ताजा उदाहरण हैं, जिन्होंने एफ-35 को चुना है। इन दोनों के अलावा, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, इटली, स्विट्जरलैंड, रोमानिया, ग्रीस, ऑस्ट्रिया, चेकिया और अन्य यूरोपीय देशों के एयरबेसों में भी एफ-35 विमान तैनात हैं।

    राफेल और एफ-35 का हो चुका है युद्ध में इस्तेमाल

    राफेल और एफ-35 दोनों ही लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल युद्ध में किया जा चुका है। राफेल का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया था। ऐसे में मैक्रों की एक्स पोस्ट को राफेल के प्रचार के तौर पर देखा जा रहा है।

    ये भी पढ़ें: Rafale Fighter Jet: भारत में बनेगी राफेल की रीढ़, डसॉल्ट और टाटा के बीच बड़ा समझौता; जानें सब कुछ