Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Rafale Fighter Jet: भारत में बनेगी राफेल की रीढ़, डसॉल्ट और टाटा के बीच बड़ा समझौता; जानें सब कुछ

    Updated: Thu, 05 Jun 2025 06:24 PM (IST)

    डसॉल्ट एविएशन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने राफेल फाइटर जेट के फ्यूजलेज को भारत में बनाने का समझौता किया है। इस समझौते के अनुसार टीएएसएल हैदराबाद में एक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट बनाएगी जहां राफेल के कई अहम सेक्शन बनेंगे। यह पहली बार है जब राफेल फाइटर विमान का ढांचा फ्रांस से बाहर भारत में बनेगा। इस फैसले से मेक इन इंडिया मिशन को बल मिलेगा।

    Hero Image
    डसॉल्ट और टाटा ने भारत में राफेल लड़ाकू विमान के पुर्जे बनाने के लिए समझौता किया। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की एअयरोस्पेस की ताकत के लिए 05 जून 2025 का दिन बेहद खास रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज फ्रांस की डिफेंस और एविएशन कंपनी डसॉल्ट एविशन तथा भारत की एअरोस्पेस कंपनी टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड (TASL) ने राफेल फाइटर जेट के फ्यूजलेस (मुख्य ढांचे) को भारत में बनाने के करार पर समझौता किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस समझौता के तहत आने वाले समय में राफेल का फाइटर जेट का फ्यूजलेज भारत में बनाया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फ्यूजलेज लाड़ाकू विमान का मुख्य हिस्सा है, जिससे विमान के अन्य कई महत्वपूर्ण हिस्से जुड़े रहते हैं।

    समझौते को लेकर किया गया करार

    इस समझौते को लेकर एक प्रेस विज्ञप्ति भी सामने आई है। इस विज्ञप्ति के अनुसार, डसॉल्ट एविएशन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड ने भारत में राफेल लड़ाकू विमान के धड़ के निर्माण के लिए चार उत्पादन हस्तांतरण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो देश की एयरोस्पेस विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का समर्थन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    जानकारी दें कि ये पहली बार होगा जब राफेल फाइटर विमान का ढांचा फ्रांस से बाहर भारत में बनाया जाएगा। इस फैसले को भारत के मेक इन इंडिया के मिशन की दिशा में एक शानदार और सफल कदम बताया जा रहा है।

    भारत में कहां बनाया जाएगा राफेल का फ्यूजलेज

    बताया जा रहा है कि जो समझौता दोनों कंपनियों के बीच में हुआ है, उसके अनुसार टीएएसएल हैदराबाद में एक अत्यधिक आधुनिक विनिर्माण यूनिट बनाएगी। इस यूनिट में राफेल के कई अहम सेक्शन बनाए जाएंगे। इनमें रियर फ्यूजलेज के लेटरल शेर, पूरा पिछला हिस्सा, सेंट्रल और फ्रंट सेक्शन भी शामिल है।

    माना जा रहा है कि यह मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट वित्त वर्ष2028 से पहले अपने पहले फ्यूजलेज सेक्शन का निर्माण शुरू कर देगी। अनुमान के मुताबिक प्रत्येक महीने में 2 फुल फ्यूजेलेज तैयार करने की योजना है।

    जानिए क्या होता है फ्यूजलेज?

    बता दें कि फ्यूजलेज किसी भी विमान का मुख्य ढांचा होता है। सामान्य भाषा में इसको किसी फाइटर विमान का शरीर कहा जा सकता है। यह विमान का वह महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विमान के सभी मुख्य हिस्सों (पंखों, पूंछ और इंजन) को छोड़कर बाकी सब कुछ जोड़ता है। राफेल एक बड़ा फाइटर विमान है, इस प्रकार के विमान में फ्यूजलेज का डिजाइन स्टील्थ (रडार से बचने की क्षमता) और मजबूती के लिए काफी खास होता है।

    इस समझौते की बड़ी बातें

    • ये पहला मौका है जब राफेल फाइटर जेट का फ्यूजलेज फ्रांस से बाहर बनाया जाएगा।
    • समझौते के अनुसार, हैदराबाद में हाई-टेक प्रोडक्शन फैसिलिटी को स्थापित किया जाएगा।
    • वित्तवर्ष 2028 से इसके उत्पाद के शुरू होने की उम्मीद है।
    • हर महीने 2 फ्यूज़लेज तैयार करने की क्षमता इस यूनिट की होगी।
    • इस समझौते से मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को बल मिलेगा।

    यह भी पढ़ें: 'तो वापस चले जाओ', पाकिस्तानी नागरिक को सुप्रीम कोर्ट की दो टूक; वीजा रद करने के खिलाफ लगाई थी याचिका

    यह भी पढ़ें: तुर्किये एयरलाइंस के विमान में विस्फोटक, DGCA की अचानक जांच में हुआ खुलासा; क्या कंपनी पर लगेगा बैन?