Nepal Earthquake: नेपाल में भूकंप के झटके से सहमे लोग, उत्तर भारत में भी डोली धरती
नेपाल में शुक्रवार की देर शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5 मापी गई। झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर भागने लगे। सिर्फ नेपाल ही नहीं बल्कि उत्तर भारत में भी लोगों को भूकंप का हल्का झटका महसूस हुआ। बता दें कि अभी कुछ दिन पहले म्यामांर में 7 तीव्रता से भी ज्यादा का भूकंप आया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल में शुक्रवार की देर शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5 मापी गई। झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर भागने लगे। सिर्फ नेपाल ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत में भी लोगों को भूकंप का हल्का झटका महसूस हुआ।
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले म्यामांर में 7 तीव्रता से भी ज्यादा का भूकंप आया था। इसमें जान-माल की काफी हानि हुई थी। इस भूकंप में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी और कई बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो गई थी।
तीन मिनट में दो झटके
- अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार शाम पश्चिमी नेपाल में लगातार दो भूकंप आए, जिनके बीच महज तीन मिनट का अंतराल था। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र के अनुसार, पहला झटका 5.2 तीव्रता का था, जो स्थानीय समयानुसार रात 8:07 बजे जाजरकोट जिले में दर्ज किया गया, इसके बाद 8:10 बजे 5.5 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया।
- दोनों भूकंपों का केंद्र काठमांडू से लगभग 525 किलोमीटर पश्चिम में जाजरकोट जिले के पनिक क्षेत्र में था। भूकंप के झटके पश्चिमी नेपाल के सुरखेत, दैलेख और कालीकोट सहित पड़ोसी जिलों में महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता के बावजूद, किसी के हताहत होने या महत्वपूर्ण नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है।
- भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। क्षेत्र में अलर्ट जारी है, अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी झटके या संभावित संरचनात्मक क्षति की निगरानी कर रहे हैं।
क्यों आते हैं भूकंप?
भूकंप प्राकृतिक घटना या मानवजनित कारणों से हो सकता है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यत: गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन, और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।
भूकंप का रिकॉर्ड एक सीस्मोमीटर के साथ रखा जाता है, जो सीस्मोग्राफ भी कहलाता है। भूकंप का क्षण परिमाण पारंपरिक रूप से मापा जाता है या संबंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। 3 या कम परिमाण की रिक्टर तीव्रता का भूकंप अक्सर इम्परसेप्टीबल होता है और 7 रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है।
मलबे में फंस जाएं तो क्या करें?
- अगर आप भूकंप के दौरान किसी आपात स्थिति में फंस जाते हैं, मसलन मलबे में फंस गए हो या बहुमंजिला इमारत में हों तब आपको शांत दिमाग से काम लेना चाहिए। ऐसी स्थिति में घबराने से आप कुछ गलत फैसले ले सकते हैं जो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
- अगर आप मलबे में फंस गए हैं तो हिलने डुलने से बचना चाहिए। इस स्थिति में धुल भी न उड़ाएं। अगर आपके आसपास दीवार है या कोई पाइप है तो उसपर हाथ मारना चाहिए ताकि इसे सिग्नल समझ कर रेस्क्यू टीम जल्द से जल्द आप तक पहुंच सके।
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