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    CICA Summit: आतंक सबसे बड़ा खतरा, आतंकियों और पीड़ितों को एक नजर से देखना सही नहीं

    By ShashankpEdited By:
    Updated: Sat, 15 Jun 2019 09:00 PM (IST)

    CICA के पांचवें सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर तजाकिस्तान के दुशांबे में मौजूद हैं। इस दौरान 74 देश इंटरनेशनल सोलर अलायंस ...और पढ़ें

    CICA Summit: आतंक सबसे बड़ा खतरा, आतंकियों और पीड़ितों को एक नजर से देखना सही नहीं

    दुशांबे, प्रेट्र/एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद एशिया में लोगों के लिए 'सबसे गंभीर खतरा' बना हुआ है। आतंकवादियों और उनकी हरकतों से पीडि़तों को एक ही नजर से नहीं देखा जाना चाहिए। विदेश मंत्री ने शनिवार को ताजिकिस्तान की राजधानी में एशिया में संवाद एवं विश्वास बहाली (सीआइसीए) के पांचवें सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि सीआइसीए के सदस्य देश आतंकवाद से पीडि़त हैं।

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    इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री शुक्रवार को दुशांबे पहुंचे थे। जयशंकर ने ट्वीट किया है, 'आतंकवाद सबसे गंभीर खतरा है जिसका हम एशिया में सामना कर रहे हैं। सीआइसीए सदस्य देश इसके पीडि़त हैं और इसलिए यह स्पष्ट होना चाहिए कि आतंकवादियों और उनकी हरकतों से पीडि़तों को एक ही नजर से नहीं देखा जाए।'विदेश मंत्री की टिप्पणी से एक दिन पहले शुक्रवार को किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को प्रोत्साहन और सहायता देने वाले और धन मुहैया करने वाले देशों की आलोचना की थी। उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा था कि ऐसे देशों को जवाबदेह ठहराया जाए।

    सीआइसीए एक अखिल एशिया मंच है जो एशिया में सहयोग बढ़ाता है और शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता को प्रोत्साहन देता है। इस सम्मेलन से पहले जयशंकर का ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान ने स्वागत किया।जयशंकर ने कहा कि सीआइसीए ने हमेशा आतंकवाद और कट्टरता से मुकाबले के लिए मजबूत प्रतिबद्धता दिखाई है। एशिया ने आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए समग्र रणनीति अपनाई है। उन्होंने कहा, 'भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र प्रस्ताव (सीसीआइटी) को अंतिम रूप देने का प्रस्ताव आज कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है और इस संबंध में हम आपका समर्थन चाहते हैं।'

    विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत अफगान नीत और खुद अफगान द्वारा शांति एवं सुलह प्रक्रिया का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि सभी कोशिशों और प्रक्रियाओं में वहां की वैध रूप से निर्वाचित सरकार के साथ ही अफगान समाज के सभी तबकों को अवश्य ही शामिल किया जाए।

    जयशंकर ने कहा कि हाल ही में भारत-मध्य एशिया पांच मंत्री स्तरीय वार्ता एक सकारात्मक विकास है। केवल यही क्षेत्र में सहयोग और स्थिरता को और बढ़ाएगा।विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय संपर्क पहल समग्र, स्थायी, पारदर्शी और संप्रभुता के सिद्धांत का आदर करते हैं। क्षेत्रीय एकजुटता व्यापार को बढ़ावा दे सकता है और क्षेत्र की समृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा को पेश आर रही दूसरी बड़ी चुनौती बताया।

    ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति के राष्ट्रपति से मिले जयशंकरविदेश मंत्री जयशंकर ने सीआइसीए सम्मेलन से इतर ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान से मुलाकात की। एक दिन पहले शुक्रवार को उन्होंने बांग्लादेश और बहरीन के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की थी।

    भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पांचवें सीआइसीए (CICA) सम्मेलन में भाग लेने तजाकिस्तान के दुशांबे में मौजूद हैं। दुशांबे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 5वें CICA समिट के दौरान कहा- 'इंटरनेशनल सोलर अलायंस' की हमारी पहल को भारी समर्थन मिला है। 74 देशों ने आज इस फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

    भारत कब बना सदस्य ?
    भारत सीआइसीए (CICA)का सदस्य है क्योंकि इसकी स्थापना के समय दिवंगत प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में अल्माटी में आयोजित पहले सीआईसीए शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। भारत CICA के तहत विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है। बता दें, पिछले महीने विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह एस जयशंकर की दूसरी विदेश यात्रा है। इससे पहले वह इस महीने की शुरुआत में भूटान गए थे।

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