UNHRC Session: भारत का करारा जवाब- पाकिस्तान पूरे विश्व के सामने पेश कर रहा झूठा तथ्य और बयान
भारत की सेकंड सेक्रेटरी कुमाम मिनी देवी ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पाकिस्तान तथ्यों और झूठे बयानों के आधार पर गलत व्याख्या करता है।
जिनेवा, एएनआइ। UNHRC के 42वें सत्र के दौरान पाकिस्तान के बयानों का जवाब देते हुए भारत की सेकंड सेक्रेटरी कुमाम मिनी देवी ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पाकिस्तान तथ्यों और झूठे बयानों के आधार पर गलत व्याख्या करता है। हम पाकिस्तान को सलाह देंगे कि वह विशेष रूप से गुलाम कश्मीर, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और सिंध में लोगों की हत्याओं और उनके साथ हो रही ज्यादती पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान को यह वास्तविकता स्वीकार करने की भी सलाह देंगे कि अनुच्छेद 370 पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। उसके झूठे, मनगढ़ंत बातों से यह तथ्य बदलने वाला नहीं है।
Kumam Mini Devi during India's right to reply: We will advise Pakistan to look into its own cases of enforced disappearances and extrajudicial killings which are in millions, particularly in Pakistan Occupied Jammu and Kashmir, Khyber Pakhtunkhwa, Balochistan and Sindh https://t.co/Camj5Z4Nz4" rel="nofollow
— ANI (@ANI) September 13, 2019
जम्मू-कश्मीर के लोगों को सभी प्रकार के अधिकार
कुमाम मिनी देवी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत के नागरिकों के रूप में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने सभी स्तरों पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में सक्रिय रूप से भाग लेकर भारतीय लोकतंत्र में अपने विश्वास को दोहराया है।
अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए UNHRC का दुरुपयोग
इससे पहले यूएनएचआरसी के 42वें सत्र में ही विदेश मंत्रालय के पूर्वी मामलों की सचिव विजय ठाकुर सिंह ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयान पर जवाब दते हुए कहा थ्रर कि मानवाधिकारों के बहाने दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक एजेंडे के लिए UNHRC का दुरुपयोग करने वालों की निंदा किए जाने की जरूरत है।
मानवाधिकारों की बात करने खुद अपना हाल देखें
उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों पर बात करने वालों को अपने देश का हाल देखना चाहिए। जब वास्तव में वे खुद षड्यंत्रकारी होते हैं तो स्वयं को पीड़ित बताने लगते हैं।
अनुच्छेद 370 हटाना पूरी तरह भारत का आतंरिक मामला
भारत द्वारा हाल में जम्मू-कश्मीर में उठाए गए कदम पर उन्होंने कहा, 'ये निर्णय हमारी संसद ने व्यापक चर्चा के बाद किए, जिसका टेलीविजन पर प्रसारण हुआ और इसे व्यापक समर्थन मिला। हम दोहराना चाहते हैं कि संसद द्वारा पारित अन्य कानूनों की तरह यह एक संप्रभु निर्णय है, जो पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। कोई भी देश अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकता है। भारत तो बिल्कुल भी नहीं।'
इससे पहले पाकिस्तान ने मांग की थी कि यूएनएचआरसी को कश्मीर में मौजूदा स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच करानी चाहिए। पाकिस्तान ने वैश्विक संगठन से आग्रह किया कि भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद यूएनएचआरसी को चुप नहीं बैठना चाहिए।
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