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    'अमेरिका और चीन के बीच तनाव दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा', राष्ट्रपति मैक्रों ने ड्रैगन को बताया अपना सहयोगी

    फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने शुक्रवार को कहा कि दो महाशक्तियों अमेरिका और चीन के बीच विभाजन वर्तमान में दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा- मैं स्पष्ट कर दूं कि फ्रांस अमेरिका का मित्र और सहयोगी है। साथ ही चीन के साथ भी हमारी मित्रता और सहयोग है। भले ही हम कभी-कभी उसके साथ असहमत होते हैं और प्रतिस्पर्धा करते हैं।

    By Jeet Kumar Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 31 May 2025 07:06 AM (IST)
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    फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने शांगरी-ला डॉयलाग के पहले दिन सम्मेलन को किया संबोधित (फोटो- एक्स)

     रॉयटर, सिंगापुर। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने शुक्रवार को कहा कि दो महाशक्तियों, अमेरिका और चीन के बीच विभाजन वर्तमान में दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है। शांगरी-ला डॉयलाग को संबोधित करते हुए मैक्रों ने पेरिस और हिंद-प्रशांत स्थित भागीदारों के बीच नए गठबंधन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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    फ्रांस अमेरिका का मित्र और सहयोगी है

    उन्होंने कहा- मैं स्पष्ट कर दूं कि फ्रांस अमेरिका का मित्र और सहयोगी है। साथ ही, चीन के साथ भी हमारी मित्रता और सहयोग है। भले ही हम कभी-कभी उसके साथ असहमत होते हैं और प्रतिस्पर्धा करते हैं।

    भू-राजनीतिक तनाव के बीच एशिया के प्रमुख सुरक्षा शिखर सम्मेलन शांगरी-ला डॉयलाग का 22वां संस्करण शुक्रवार को सिंगापुर में शुरू हुआ। इस वर्ष के संवाद में 47 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इनमें 40 मंत्री-स्तरीय प्रतिनिधि होंगे।

    मैक्रों ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर कही ये बात

    मैक्रों इस क्षेत्र का दौरा ऐसे समय कर रहे हैं, जब फ्रांस और यूरोपीय संघ एशिया में अपने वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने का लक्ष्य बना रहे हैं। इसका उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ उपायों पर अनिश्चितता को दूर करना है।

    फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था के विघटन को रोकने में एशिया और यूरोप का साझा हित है। निस्संदेह गुटनिरपेक्षता का समय बीत चुका है। लेकिन कार्रवाई के लिए गठबंधन बनाने का समय आ गया है। इस लिहाज से जरूरी है कि एक साथ काम करने में सक्षम देश इसके लिए हर संभव प्रयास करें।

    मैक्रों ने अमेरिका और हिंद-प्रशांत देशों को चेतावनी दी

    एपी के अनुसार, मैक्रों ने अमेरिका और हिंद-प्रशांत देशों को चेतावनी दी कि यदि यूक्रेन को अकेला छोड़कर चीन के साथ संभावित संघर्ष पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, तो इससे दोहरे मानदंड का जोखिम है।

    अमेरिका यूरोप से सैनिकों को वापस बुलाने पर कर रहा विचार

    उन्होंने चेतावनी दी कि यूक्रेन को छोड़ने से अंतत: ताइवान को लेकर चीन के साथ किसी भी संभावित संघर्ष को रोकने में अमेरिका की विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी। मैक्रों की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब अमेरिका यूरोप से सैनिकों को वापस बुलाकर उन्हें हिंद-प्रशांत में भेजने पर विचार कर रहा है।

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