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    US-Iran Tension: सऊदी अरब की ईरान को सलाह... अमेरिका से परमाणु समझौता करो; ट्रंप ने एक बार फिर दी धमकी

    सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने पिछले महीने तेहरान में ईरानी अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु समझौते पर बातचीत के प्रस्ताव को गंभीरता से लें। इससे इजरायल के साथ युद्ध से बचने का रास्ता निकल सकता है। क्षेत्र में अस्थिरता की आशंका से चिंतित सऊदी अरब है जिसके बाद यह संदेश ईरान को भेजा है।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 31 May 2025 03:54 AM (IST)
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    सऊदी अरब की ईरान को सलाह, अमेरिका से परमाणु समझौता करो (फोटो- एक्स)

     रॉयटर, दुबई। सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने पिछले महीने तेहरान में ईरानी अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु समझौते पर बातचीत के प्रस्ताव को गंभीरता से लें। इससे इजरायल के साथ युद्ध से बचने का रास्ता निकल सकता है।

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    क्षेत्र में अस्थिरता की आशंका से चिंतित सऊदी अरब

    क्षेत्र में अस्थिरता की आशंका से चिंतित सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज ने अपने बेटे प्रिंस खालिद बिन सलमान को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के लिए एक संदेश के साथ भेजा।

    सूत्रों ने बताया कि 17 अप्रैल को तेहरान में राष्ट्रपति भवन के बंद कमरे में हुई बैठक में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान, सशस्त्र बलों के चीफ आफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और विदेश मंत्री अब्बास अराघची भी मौजूद थे।

    अमेरिकी राष्ट्रपति के पास लंबी बातचीत के लिए बहुत कम धैर्य- प्रिंस खालिद

    हालांकि, मीडिया ने प्रिंस की यात्रा को कवर किया, लेकिन शाह सलमान के गुप्त संदेश के बारे में पहले कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई थी। प्रिंस खालिद ने ईरानी अधिकारियों को चेतावनी दी कि अमेरिकी राष्ट्रपति के पास लंबी बातचीत के लिए बहुत कम धैर्य है। उन्होंने कहा कि वार्ता विफल होने पर इजरायली हमले का सामना करने की अपेक्षा अमेरिका के साथ समझौता करना बेहतर होगा।

    ट्रंप की धमकी के गंभीर परिणाम होंगे

    ईरान ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान के परमाणु संयंत्रों को नष्ट करने की धमकी एक स्पष्ट रेड लाइन है और इसके गंभीर परिणाम होंगे। एक अधिकारी ने कहा कि अगर अमेरिका कूटनीतिक समाधान चाहता है, तो उसे धमकियों और प्रतिबंधों की भाषा को त्यागना होगा। ऐसी धमकियां ईरान के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ खुली दुश्मनी हैं।