आंखों में आंसू लिए वेनेजुएला छोड़ रहे लोग, कोलंबिया में खाने के लिए बेच रहे अपने बाल
वेनेजुएला के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। आलम ये है कि अब तक इस देश को छोड़कर कोलंबिया का रुख करने वालों की तादाद दो लाख को पार कर चुकी है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। वेनेजुएला के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। आलम ये है कि अब तक इस देश को छोड़कर कोलंबिया का रुख करने वालों की तादाद दो लाख को पार कर चुकी है। यह आंकड़ा बीते वर्ष के आखिरी छह माह का है। इसी तरह से ब्राजील के रोरेमा में पहुंचने वाले कोलंबियन करीब 50000 हैं। यह वेनेजुएला की सीमा से सटा राज्य है। लेकिन यहां पर आने वाले शरणार्थियों की वजह से यहां की ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है। ब्राजील की राजधानी का भी ऐसा ही कुछ बुरा हाल है। इससे बचने के लिए ब्राजील ने कोलंबिया से लगती सीमा पर अधिक संख्या में जवानों की तैनाती की है। इसके अलावा दूसरे देशों में भी लोगों ने शरण ली है, जिसके बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं दूसरी ओर कोलंबिया इन हालातों से निपटने के लिए काबिल दिखाई नहीं दे रहा है।
कूड़े के ढेर पर जीवन जीने को मजबूर
यही वजह है कि वेनेजुएला से आए शरणार्थी कूड़े के ढेर पर जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं। वेनेजुएला को छोड़कर कोलंबिया के कुकुता में आई विल्या हरनांडिज अपने पति और एक छोटी बच्ची के साथ सड़क के किनारे खुले में रहने को मजबूर है। वह बताती है कि अब वह वापस नहीं जाना चाहती है। वह अब अपने परिवार के साथ यहीं पर रहना चाहती है। उसकी आंखों में आंसू हैं लेकिन बच्ची को महज अपना दूध पिलाने के अलावा उसके पास कुछ नहीं है। ऐसा हाल सिर्फ उसका ही नहीं है बल्कि उन लाखों लोगों का है जो वेनेजुएला की आर्थिक तंगी से परेशान होकर कोलंबिया आए हैं। ये सभी मानते हैं कि वेनेजुएला नरक था लेकिन यहां पर भी स्वर्ग तो कतई नहीं है।
बाल बेच कर खरीद रहे खाने की चीजें
विल्या को अपनी बच्ची को खाना और दूध पिलाने के लिए अपने बाल तक बेकने पड़े हैं। आपको हैरानी जरूर होगी, लेकिन ये है एक खौफनाक हकीकत। आपको हैरानी होगी कि यहां पर कोलंबिया के इस इलाके में कई जगहों पर इस तरह के विज्ञापन लगे हैं जिसमें लिखा गया है कि आप अपने बाल बेच कर पैसे ले सकते हैं। दरअसल कोलंबिया में आने वाले शरणार्थियों और उनके हालातों का फायदा उठाने के लिए यहां पर विगमेकर्स ने अपना ठिकाना बना लिया है। यह विगमेकर यहां आने वाले लोगों के बाल काटकर उन्हें नाममात्र की रकम दे रहे हैं। यहां की ये एक खौफनाक सच्चाई बन चुकी है।
कोलंबिया के पास नहीं लोगों को रखने की व्यवस्था
वेनेजुएला से आए लाखों लोगों को रखने की व्यवस्था तक कोलंबिया के पास नहीं है। कुछ गैर सरकारी संगठन इन लोगों की मदद के लिए जरूर आगे आए हैं और इनको नियमति मात्रा में खाना दे रहे हैं। कोलंबिया पहले ही इन शरणार्थियों की मदद के लिए वैश्विक समुदाय को कह चुका है। वेनेजुएला में बीते साल से लेकर अब तक महंगाई 2600 फीसद तक बढ़ चुकी है। आलम ये है कि कोलंबिया की तरफ जाने वाली सड़कों पर आपको अपना जरूरी सामान लेकर बोर्डर पार करते हुए लोग आम दिखाई दे जाएंगे। वेनेजुएला में आए आर्थिक संकट के बाद यहां पर खाने-पीने की तो दिक्कत हो ही गई है लेकिन बिना खाना खाए जो लोग बीमार हो रहे हैं उनके लिए दवाएं तक उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। यहां के डॉक्टर मरीजों को सलाह दे रहे हैं कि वह किसी दूसरे पड़ोसी देश में जाकर अपना ईलाज करवाएं।
हालात बद से बदत्तर
वहीं इस आर्थिक संकट के बावजूद देश की सरकार के साथ सुप्रीम कोर्ट के आने के बाद हालात बद से बदत्तर हो गए हैं। सरकार ने देश की सेना और पुलिस को इस बात की खुली छूट दी है कि विरोध प्रदर्शन करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाए। लिहाजा आम लोगों और पुलिस के बीच हिंसक घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। राष्ट्रपति मादुरो ने अप्रेल में वेनेजुएला में चुनाव करवाने की भी बात कही है। इसको लेकर वहां का विपक्ष और लोगं दोनों ही काफी खफा हैं। ब्राजील की सीमा पर जुटी आर्मी के बारे में वहां के मंत्री का यहां तक कहना है कि यह यहां आने वाले लोगों को रोक नहीं रहे हैं बल्कि वह इस बारे में जानकारी ले रहे हैं कि उन्हें किस चीज की ज्यादा जरूरत है। शरणार्थियों के लिए ब्राजील के रोरेरा में एक ओपन हॉस्पिटल भी बनाया गया है।
पेरू में जाने के लिए सीमा पर लगी लंबी लाइनें
कोलंबिया के माइग्रेशन ऑफिस की मानें तो यहां पर नियमानुसार सीमा पार कर कोलंबिया आने वालों की तादाद 30000 प्रतिदिन है। ये लोग यहां पर कुछ खाने पीने की जरूरता का सामान भी खरीद रहे हैं। लेकिन यहां के हालात देखकर आप भी सहम जाएंगे। वेनेजुएला की एक सीमा पेरू से भी मिलती है। केली की बहन पेरू में रहती है और वह वहां जाना चाहती है। लेकिन वह कई दिनों से अपने पासपोर्ट पर मुहर लगाने के लिए ऑफिस के चक्कर काट रही है। इसमें वह अभी तक नाकाम साबित हुई है। पेरू की तरफ जाने वालों की भी कतार काफी लंबी है। हर रोज इस कतार में लोग बढ़ जाते हैं। जहां तक केली की बात है तो वह कुछ लकी जरूर थी क्योंकि उसके पास में कुछ पैसे थे जिसकी बदौलत वह बस की टिकट खरीद सकी और यहां तक पहुंच सकी।
कभी अच्छा कमाने वाले भी आज सड़क पर
वेनेजुएला में जो लोग कभी अच्छा कमाते थे आज वह भी सड़कों पर आ गए हैं। इनमें से कुछ सड़क पर नाम मात्र की चीजों को बेकते हुए दिखाई दे जाएंगे। ऐसे लोगों का कहना है कि वह दिन भर में महज पांच डॉलर कमा पाते हैं जिससे खाने की नाममात्र की चीज आ जाती है।
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