अब क्रैश नहीं होगा प्लेन? इंजीनियर्स लेकर आए नया कॉन्सेप्ट, 2 सेकेंड से भी कम समय में बचा लेगा ये 'कवच'
अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसे के बाद इंजीनियरों ने प्रोजेक्ट रीबर्थ नामक एक कॉन्सेप्ट तैयार किया है। बिट्स पिलानी के एशेल वसीम और धरसन श्रीनिवासन द्वारा निर्मित यह सिस्टम विमान को क्रैश होने से बचाने और यात्रियों की जान बचाने में मदद कर सकता है। यह सिस्टम ऊंचाई गति और अन्य कारकों पर नजर रखता है और दुर्घटना की आशंका होने पर विशाल एयरबैग खोलता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ महीने पहले अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसे में कई लोगों की जान चली गई थी। इस घटना से सबक लेते हुए इंजीनियर्स ने एक ऐसा कॉन्सेप्ट तैयार किया है, जिससे कोई विमान कभी भी क्रैश नहीं होगा और हवाई यात्रियों की जान बचाने में भी कारगर साबित हो सकता है।
इस कॉन्सेप्ट को 'प्रोजेक्ट रीबर्थ' नाम दिया गया है और इसे दुबई के बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स पिलानी) के दो इंजीनियरों एशेल वसीम और धरसन श्रीनिवासन ने तैयार किया है।
पारंपरिक सुक्षा उपायों से अलग है ये सिस्टम
यह पारंपरिक सुरक्षा उपायों से अलग है और इसे जेम्स डायसन अवॉर्ड के लिए फाइनल लिस्ट में चुना गया है। इस अंतरराष्ट्रीय डिजायन पुरस्कार की घोषणा 5 नवंबर को की जाएगी। क्रैश सर्वाइवल सिस्टम आकस्मिक दुर्घटना से यात्रियों की जान बचाएगा।
क्या है इस सिस्टम की खासियत?
इस सिस्टम की खासियत है कि ये ऊंचाई, गति, दिशा और आग लगने की स्थिति और पायलट की प्रतिक्रिया जैसे जरूरी कारकों पर लगातार पैनी नजर रखता है।
इसके अलावा, अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को पता चलता है कि 3 हजार फीट से कम ऊंचाई पर किसी घटना का जरा भी अंदेशा होता है और उसे टाला नहीं जा सकता है तो ऐसी स्थिति में यह सिस्टम अपने आप एक्टिव हो जाता है।
दो सेकेंड से भी कम समय में विमान के अगले हिस्से, बीच के हिस्से और सबसे पीछे वाले हिस्से, तीनों जगह से बड़े-बड़े 'कवच' (विशाल एयरबैग) बाहर निकलेंगे।
ये एयरबैग लेयर्ड क्लोथ से बने होते हैं, जो विमान के मुख्य हिस्से को सुरक्षित रखते हैं।
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