कोरोना महामारी से उबर रहे यूरोप में खुलीं साझी सीमाएं, बाकी दुनिया के लिए अभी हैं मनाही
यूरोप में गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। उससे जुड़ी छुट्टियां भी शुरू हो गई हैं। कुछ लोग कोरोना वायरस की त्रासदी को भूलकर घूमने की तैयारी भी कर रहे हैं।
बर्लिन, एपी। कोविड-19 महामारी से उबर रहे यूरोपीय देश धीरे-धीरे सामान्य गतिविधियों की ओर लौट रहे हैं। वे पड़ोसी देशों के लिए अपनी सीमाएं खोल रहे हैं जिससे पर्यटकों का आवागमन शुरू हो जाए। लेकिन एशिया, अमेरिका, लैटिन अमेरिका और मध्य-पूर्व देशों के नागरिकों के लिए उनके दरवाजे अभी बंद हैं। दुनिया के ज्यादातर देशों ने कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए करीब तीन महीने पहले अपने यहां विदेशी नागरिकों का आगमन रोक दिया था।
यूरोप में गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। उससे जुड़ी छुट्टियां भी शुरू हो गई हैं। कुछ लोग कोरोना वायरस की त्रासदी को भूलकर घूमने की तैयारी भी कर रहे हैं। यूरोपीय यूनियन के 27 देशों ने साथी देशों के लिए सीमाएं खोल दी हैं। जर्मनी, फ्रांस, स्पेन और इटली में काफी हद तक महामारी पर काबू पाया जा चुका है, बाकी देश भी कोरोना से मुक्त होने की राह पर हैं।
जल्द ही पर्यटन स्थल भी खोल दिए जाएंगे
माना जा रहा है कि जल्द ही यूरोप के पर्यटन स्थल भी पर्यटकों के लिए पूरी तरह से खोल दिए जाएंगे और वहां पर गतिविधियां सामान्य हो जाएंगी। यूरोपीय यूनियन की आंतरिक मामलों की कमिश्नर ईवा जोहानसन ने बीते सप्ताह कहा था कि हम जल्द ही सब कुछ खोलने जा रहे हैं, इसके लिए सोमवार (15 जून) अच्छी तारीख हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के अलावा ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड के नागरिकों के लिए भी बिना पासपोर्ट के एक-दूसरे के देशों में जाने की सुविधा है। फिलहाल उन्हें ही कुछ परीक्षणों के साथ यूरोप में भ्रमण की सुविधा मिलेगी।
न्यूयॉर्क में भी कम हुआ कोरोना संक्रमण
वहीं, दूसरी ओर महामारी से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका के न्यूयॉर्क प्रांत में संक्रमण की रफ्तार भी धीमी पड़ती दिखाई दे रही है। न्यूयॉर्क के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के भर्ती होने की संख्या में ना केवल कमी आई है बल्कि बीमारी से जान गंवाने वालों की तादाद भी कम हुई है। शुक्रवार को मात्र 32 लोगों की मौत हुई है। जबकि नौ हफ्ते पहले यह संख्या 800 से ज्यादा थी। 1734 नए मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा है। 20 मार्च के बाद यह सबसे कम संख्या है।