ब्राजील में बढ़ी सोशल मीडिया कंपनियों की मुश्किल, आपत्तिजनक कंटेंट पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
razil Supreme Court says Social Media Contents ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। गूगल मेटा और टिकटॉक जैसी कंपनियों को अब यूजर्स द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। कोर्ट के अनुसार आपत्तिजनक कंटेंट की शिकायत मिलने पर कंपनियों को तुरंत कार्रवाई करनी होगी अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाई की जा सकती है।

डिजिटल डेस्क, ब्रासीलिया। ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया कंपनियों पर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि गूगल, मेटा और टिकटॉक समेत सभी सोशल मीडिया कंपनियां हर तरह के यूजर कंटेंट के लिए जिम्मेदार होंगी।
ब्राजील में सुप्रीम कोर्ट की 11 जजों की बेंच ने 8-3 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है। अब सोशल मीडिया पर यूजर्स जो भी चीजें पोस्ट करेंगे, उसकी जिम्मेदार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़ी कंपनी होगी।
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सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर कई यूजर्स नफरत भरे, नस्लवादी, और हिंसा भड़काने वाली पोस्ट शेयर करते हैं। यही नहीं, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट की भी भरमार होती है। ऐसे में कंपनियों को एक शिकायत पर ऐसे कंटेंट हटाने होंगे, वरना उनके खिलाफ कोर्ट में केस किया जा सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है-
अगर कोई पीड़ित व्यक्ति सोशल मीडिया पर मौजूद किसी भी तरह के आपत्तिजनक कंटेंट के खिलाफ शिकायत करता है, तो उस कंपनी को फौरन वो कंटेंट डिलीट करना होगा। अगर कंपनी ने ऐसा नहीं किया तो पीड़ित शख्स अदालत का रुख कर सकता है।
नियमों में आया क्या बदलाव?
बता दें कि अभी तक सोशल मीडिया से कोई भी कंटेंट हटवाने के लिए लोगों को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ता था और कोर्ट के आदेश के बाद ही सोशल मीडिया कंपनियां केंटेंट डिलीट करती थीं। मगर अब ऐसा नहीं होगा। कंपनियों को पीड़ित की शिकायत पर ही केंटेंट हटाना होगा, वरना उनके खिलाफ कोर्ट केस हो सकता है।
अवैध कंटेंट की परिभाषा साफ नहीं
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बेशक आम लोगों को राहत मिली है, लेकिन अदालत ने अपने फैसले में अवैध कंटेंट की परिभाषा तय नहीं की है। मसलन सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह साफ नहीं किया कि किस प्रकार का कंटेंट आपत्तिजनक माना जाएगा और कौन सा नहीं? हालांकि, इस फैसले से सोशल मीडिया कंपनियों की मुश्किल जरूर बढ़ सकती है।
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