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    रूस-यूक्रेन की जंग का अखाड़ा बना पोक्रोवस्क शहर, पुतिन ने भेजे 1 लाख से ज्यादा जवान; जानें क्या है वजह

    Ukraine-Russia War यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध 3 साल से अधिक समय से चल रहा है। पोक्रोवस्क शहर रूसी सेना और यूक्रेन की सेना के लिए जंग का मैदान बन गया है। राष्ट्रपति पुतिन ने इस शहर को रूसी नक्शे में शामिल करने का मन बना लिया है जिसके लिए 1 लाख से ज्यादा सैनिक वहां उतर चुके हैं।

    By Digital Desk Edited By: Sakshi Pandey Updated: Sun, 29 Jun 2025 12:11 PM (IST)
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    यूक्रेन का पोक्रोवस्क शहर। फोटो - पीटीआई

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को 3 साल से ज्यादा समय बीत चुका है। दोनों देशों के बीच सीजफायर की तमाम कोशिशें विफल हो गई हैं। वहीं, यूक्रेन का पोक्रोवस्क शहर दोनों देशों की सेना के लिए जंग का अखाड़ा बन गया है। यूक्रेन के इस शहर को राष्ट्रपति पुतिन ने रूसी नक्शे में शामिल करने का मन बना लिया है, जिसके लिए 1 लाख 10 हजार रूसी सैनिक पोक्रोवस्क में उतर चुके हैं।

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    इस युद्ध में यूक्रेन ने भी हथियार न डालने की कसम खाई है। पोक्रोवस्क में भी यूक्रेन की सेना रूसी सेना को कड़ी टक्कर दे रही है। हालांकि इस शहर पर कब्जा करने के लिए रूस ने नई योजना बनाई है।

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    क्या है रूस का प्लान?

    पोक्रोवस्क शहर पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क इलाके का हिस्सा है। यह हिस्सा अभी पूरी तरह से यूक्रेन के कब्जे में है। ऐसे में पोक्रोवस्क को घेरने के लिए रूस ने नई रणनीति बनाई है। रूसी सेना सीधे हमले की बजाए दक्षिण और उत्तर पूर्व दिशा से पोक्रोवस्क में एंट्री कर रही है। रूस के जवान छोटी-छोटी टुकड़ियों में मोटरसाइकिल और ऑल टेरेन गाड़ियों पर सवार होकर पोक्रोवस्क में अंदर घुस रहे हैं।

    यूक्रेन के लिए क्यों जरूरी है पोक्रोवस्क?

    वैसे तो पोक्रोवस्क शहर काफी छोटा है, मगर भौगोलिक दृष्टि से यह शहर यूक्रेन के लिए बेहद अहम है। यूक्रेन के ज्यादातर सप्लाई रूट से लेकर रेलवे कनेक्शन और सेना का डिफेंस सपोर्ट पोक्रोवस्क से होकर गुजरता है।

    पोक्रोवस्क पर कब्जा क्यों करना चाहता है रूस?

    रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू होने से पहले पोक्रोवस्क में लगभग 60 हजार लोग रहते थे। हालांकि, अब यह शहर विरान हो चुका है। यहां गिनती के ही कुछ लोग देखने को मिलते हैं। पोक्रोवस्क की मशहूर कोयला खदान कोकिंग कोल माइंस भी अब बंद हो चुकी है। हालांकि इस शहर पर कब्जा करके रूस न सिर्फ यूक्रेन की सप्लाई तोड़ सकता है बल्कि रूसी जनता के आत्मविश्वास को भी बढ़ावा दे सकता है।

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