बोन्डी बीच हमले का हीरो, गलत पहचान के बीच सामने आई अहमद अल अहमद की असली कहानी
सिडनी के बोन्डी बीच पर हुए आतंकी हमले में अहमद अल अहमद नामक एक व्यक्ति ने बंदूकधारी को पकड़कर हीरो का काम किया। सोशल मीडिया पर उनकी गलत पहचान फैल गई, ...और पढ़ें
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बॉन्डी बीच हमले का हीरो गलत पहचान के बीच सामने आई अहमद अल अहमद की सच्ची कहानी (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोन्डी बीच पर हुए भीषण आतंकी हमले के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर सबसे तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में एक शख्स पीछे से दौड़कर एक बंदूकधारी आतंकी को पकड़ता है, उससे हथियार छीन लेता है और जमीन पर गिरा देता है।
गोलियां चल रही थीं, चारों तरफ अफरा-तफरी थी, लेकिन उस शख्स ने अपनी जान की परवाह किए बिना यह साहसिक कदम उठाया। इस शख्स का नाम है अहमद अल अहमद।
हमले के बाद अहमद को देशभर में हीरो कहा गया, लेकिन इसी दौरान उनके बारे में एक गलत जानकारी भी फैल गई। सोशल मीडिया पर कहा गया कि अहमद सिडनी के सदरलैंड शायर इलाके में फल बेचने का काम करते हैं, जो बाद में गलत साबित हुआ। असल में अहमद अल अहमद 42 साल के हैं और वे एक तंबाकू और स्पेशलिटी कंवीनियंस स्टोर के मालिक हैं, जिसे वे साल 2021 से चला रहे हैं।
कैसे फैली गलत पहचान?
सिडनी हमले में कम से कम 15 लोगों की मौत और दर्जनों के घायल होने के बाद, लोग अहमद के प्रति आभार जताने के तरीके खोज रहे थे। इसी दौरान कई लोगों ने गलती से सदरलैंड शायर की एक फल की दुकान 'Sutherland Best Fresh' को अहमद की दुकान समझ लिया।
इस गलतफहमी के चलते उस फल की दुकान को बधाई और समर्थन के संदेश मिलने लगे। स्थिति स्पष्ट करने के लिए दुकान के मालिकों ने सोमवार सुबह फेसबुक पर एक पोस्ट साझा किया।
पोस्ट में उन्होंने लिखा, "बॉन्डी में हुई इस त्रासदी से हम बेहद दुखी हैं। अहमद की फल की दुकान को लेकर गलत जानकारी फैल गई है। हम अहमद को नहीं जानते और न ही उनकी दुकान का स्थान। हम इस महान ऑस्ट्रेलियाई हीरो को सलाम करते हैं और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।"
अल अहमद को लगी दो गोलियां
इस बीच अहमद अल अहमद अस्पताल में भर्ती हैं। आतंकवादी को पकड़ने के दौरान उन्हें दो गोलियां लगी थीं। उनका इलाज चल रहा है और वे खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।
उनकी बहादुरी का वीडियो ऑस्ट्रेलियाई और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में व्यापक रूप से दिखाया गया। माना जा रहा है कि अगर अहमद ने समय पर हस्तक्षेप न किया होता, तो जान-माल का नुकसान और ज्यादा हो सकता था।
बोन्डी बीच पर कैसे हुआ हमला?
यह आतंकी हमला रविवार शाम करीब 6:45 बजे (स्थानीय समय) हुआ। उस समय बोन्डी बीच पर गर्मी की शाम के कारण हजारों लोग मौजूद थे। पास के एक पार्क में सैकड़ों लोग 'हनुक्का बाय द सी' कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जो यहूदी त्योहार हनुक्का की शुरुआत के मौके पर आयोजित किया गया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दो आतंकियों ने बीच की ओर जाने वाले एक ऊंचे फुटब्रिज से भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी। वीडियो में लोग समुद्र तट पर इधर-उधर भागते नजर आए। यह हमला करीब 10 मिनट तक चला, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया।
पिता ने क्या कहा?
अहमद उस समय अपने एक दोस्त के साथ कॉफी पीने के लिए बोन्डी पहुंचे थे। ऑस्ट्रेलिया के ABC चैनल से बात करते हुए उनके पिता मोहम्मद फतेह अल अहमद ने बताया कि उनके बेटे ने वहां पहुंचते ही गोलीबारी देखी।
उन्होंने कहा, "उनकी जान खतरे में थी। उसने लोगों को जमीन पर पड़ा देखा, चारों तरफ खून था। उसी पल उसकी अंतरात्मा और आत्मा ने उसे मजबूर किया कि वह आतंकी पर झपटे और उससे हथियार छीन ले।"

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