'उसे उसकी नौकरी की वजह से मार डाला', बांग्लादेश में हिंदू व्यक्ति की मौत पर परिजनों ने खोले कई राज
बांग्लादेश के मयमनसिंह में दीपू दास नामक हिंदू व्यक्ति की मुस्लिम भीड़ ने बेरहमी से हत्या कर दी। परिजनों का आरोप है कि नौकरी को लेकर हुई साजिश के तहत ...और पढ़ें

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदू व्यक्ति दीपू दास की मुस्लिम भीड़ ने बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी। वह मयमनसिंह शहर की एक फैक्ट्री में काम करते थे। इस घटना के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या को लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के शासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
बांग्लादेश के अधिकारियों का कहना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि दीपू दास ने ईशनिंदा की थी। 18 दिसंबर को एक सहकर्मी द्वारा ईशनिंदा का आरोप लगाने के बाद भीड़ ने दीपू दास को पीट-पीटकर मार डाला। वे यहीं नहीं रुके। उन्होंने शव को एक सार्वजनिक जगह पर लटका दिया और उसमें आग लगा दी।
दीपू दास के पिता ने क्या कहा?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, दीपू दास के पिता ने कहा, "मेरा बेटा खुशकिस्मत था कि उसे नौकरी मिल गई क्योंकि वहां लॉटरी निकाली गई थी। वह बीए पास था और उसका प्रमोशन भी होने वाला था। लेकिन कुछ लोगों को नौकरी नहीं मिली, इसलिए उन्होंने उसे मारने की साजिश रची।"
उन्होंने यह भी बताया, "उन लोगों उसे कई बार जान से मारने की धमकी दी थी अगर वह उन्हें नौकरी नहीं देता। वह कैसे दे सकता था? फिर यही लोग मैनेजर के पास गए और शायद उसे रिश्वत दी। उन्होंने अफवाह फैलाई कि दीपू दास ने ईशनिंदा की है।"
'मुआवजा मदद के बजाय एक अपमान जैसा'
दीपू के परिवार का कहना है कि बांग्लादेश प्रशासन द्वारा दिया गया मुआवजा मदद के बजाय अपमान जैसा था। लेकिन परिवार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी ठीक से मदद करेगी। उन्होंने कहा, "सरकार ने 25,000 टका, कुछ चावल, एक कंबल और एक सिलाई मशीन दी। आज हमें 1 लाख टका का चेक मिला है। हम जानते हैं कि सरकार हमारी और मदद कर सकती है और वे करेंगे।"
बांग्लादेश में क्यों हो रहे हिंदुओं पर हमले?
हिंदू समुदाय कहना है, "उन लोगों ने कहा कि वे हम पर इसलिए हमला कर रहे हैं क्योंकि हम हिंदू हैं, इसलिए नहीं कि हम बांग्लादेश अवामी लीग को सपोर्ट करते हैं। सबसे पहले तो हम किसी को भी सपोर्ट नहीं करते, चाहे वह अवामी लीग हो या कोई और ग्रुप।"
अल्पसंख्यक समुदाय ने कहा, "इस्लामवादी दुनिया को झूठ बोल रहे हैं कि वे अवामी लीग के समर्थकों को निशाना बना रहे हैं और यह पूरी तरह से राजनीतिक है। लेकिन यह इस देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपना अभियान चलाने के लिए एक बहाना है।"

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