बांग्लादेश में अब श्रमिकों पर गहराया संकट, कई कपड़ा फैक्ट्रियों पर लटका ताला; हाईवे जाम कर किया प्रदर्शन
इस सप्ताह की शुरुआत में सैकड़ों श्रमिकों ने वेतन न मिलने के मुद्दे पर गाजीपुर के भोगरा बाईपास चौराहे पर ढाका-तंगैल और ढाका-मैमनसिंह राजमार्गों को जाम कर दिया था। विरोध प्रदर्शनों के कारण पहले से ही भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि 300 से अधिक श्रमिकों को उनका वेतन नहीं मिला है।

आईएएनएस, ढाका। बांग्लादेश में गत वर्ष अगस्त में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बाद देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। हिंसा और विरोध प्रदर्शन के चलते कई कपड़ा फैक्ट्री बंद चुकी है।
नतीजन बकाया भुगतान नहीं मिलने से हजारों श्रमिक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन और हड़ताल कर कर रहे हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, हजारों श्रमिकों ने शनिवार को प्रदर्शन किया और हाईवे जाम कर फैक्ट्री फिर से खोलने और बकाया भुगतान की मांग की।
फैक्ट्री बंद होने का नोटिस जारी
हाईवे जाम होने से घंटों यातायात बाधित रहा। ढाका संभाग के गाजीपुर जिले में जायंट निट गारमेंट फैक्ट्री के श्रमिकों ने फैक्ट्री बंद होने का नोटिस देखने के बाद विरोध प्रदर्शन किया।
गाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र के एसआई फारुक हुसैन ने बताया कि श्रमिकों ने छुट्टी और बोनस भुगतान को लेकर गुरुवार को भी विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद फैक्ट्री को बंद करने का नोटिस जारी कर दिया गया।
अमेरिका ने जताई थी चिंता
- बता दें कि हाल ही में भारत दौरे पर आई अमेरिकी खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी। तुलसी गबार्ड ने कहा कि हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों का लंबे समय से दुर्भाग्यपूर्ण उत्पीड़न, हत्या और दुर्व्यवहार अमेरिकी सरकार की चिंताओं में प्रमुखता पर रहा है।
- उन्होंने इशारों ही इशारों में यूनुस सरकार को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के ऊपर हो रही हिंसा अमेरिका के लिए चिंता की बात है। तुलसी गबार्ड ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में नए मंत्रिमंडल ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ बातचीत शुरू कर दी है। हालांकि, यह मुद्दा इस समय चिंता का विषय है।
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