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    ... तो अब भी क्या बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं शेख हसीना? राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के दावे से मची सियासी खलबली

    बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना पांच अगस्त के बाद से भारत में हैं। देश छोड़ने के वक्त कहा जा रहा था कि शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। मगर अब बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने अपने एक बयान से सियासत गरमा दी है। दरअसल उन्होंने कहा कि मेरे पास शेख हसीना के इस्तीफे का कोई दस्तावेजी सुबूत नहीं है।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 22 Oct 2024 05:37 AM (IST)
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    बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा है कि देश छोड़ने से पहले शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का उनके पास कोई दस्तावेजी सुबूत नहीं है। बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने तत्कालीन शेख हसीना सरकार के विरुद्ध उग्र प्रदर्शन किया था। स्थिति बेकाबू होने के बाद प्रधानमंत्री हसीना ने पांच अगस्त को अपने पद से इस्तीफा देकर भारत में शरण ली थी। राष्ट्रपति का बयान इसी संदर्भ में आया है।

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    एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा है कि उन्होंने सुना है कि हसीना ने देश छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनके पास इसके दस्तावेजी सुबूत नहीं हैं। बहुत प्रयास के बावजूद उन्हें इससे संबंधित दस्तावेज नहीं मिले। उन्होंने कहा है कि शायद शेख हसीना के पास समय नहीं था।

    हसीना के आवास से गया था कॉल

    पांच अगस्त की घटना के बारे में उन्होंने कहा कि सुबह करीब 10:30 बजे बंगभवन के पास हसीना के आवास से फोन आया और बताया गया कि वह उनसे मिलना चाह रही हैं। एक घंटे के बाद एक और कॉल आई। इसमें कहा गया कि वह नहीं आ रही हैं। हर जगह से अशांति की खबरें थीं। मैंने अपने सैन्य सचिव जनरल मोहम्मद आदिल चौधरी से इस पर गौर करने के लिए कहा। उनके पास भी कोई जानकारी नहीं थी। फिर सूचना मिली कि हसीना देश छोड़कर चली गई हैं।

    छात्र आंदोलन में भड़की हिस्सा

    इसी साल जुलाई महीने में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में उग्र छात्र आंदोलन हुआ। इसमें कई कट्टरपंथियों ने भी हिस्सा लिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद आरक्षण का पुनर्गठन किया गया है। छात्र आंदोलन थम गया। मगर कुछ समय बाद छात्रों ने आंदोलन दोबारा शुरू कर दिया। इस बार उनकी मांग शेख हसीना को पीएम पद से हाटना था। जब छात्रों की उग्र भीड़ प्रधानमंत्री आवास की तरफ बढ़ने लगी तो शेख हसीना ने सुरक्षा कारणों से पीएम पद और देश दोनों छोड़ना ही उचित समझा।

    शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

    शेख हसीना सेना के विमान से भारत पहुंचीं। तब से वे भारत में ही हैं। इस बीच बांग्लादेश की एक अदालत ने मानवाधिकार मामले में शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है। आंदोलन के दौरान करीब 400 छात्रों की जान गई थी। इनमें से कई छात्रों की हत्या का आरोप शेख हसीना पर लगा है। शेख हसीना पर अपने विरोधियों को जबरन जेल में डालने का भी आरोप है।

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