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    बांग्लादेश में बढ़ते इस्लामी कट्टरवाद से वैश्विक स्थिरता को खतरा : रिपोर्ट

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 11:56 PM (IST)

    बांग्लादेश में शेख हसीना के हटने के बाद इस्लामी कट्टरवाद बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह न केवल बांग्लादेश बल्कि यूरोपीय देशों और वैश्विक यहूदी स ...और पढ़ें

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    बांग्लादेश में हिंसा।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद वहां तेजी से बढ़ रहा इस्लामी कट्टरवाद न केवल उस मुस्लिम बहुत देश के लिए चिंता का सबब है, बल्कि एक रणनीतिक चेतावनी है जिसके संभावित परिणाम यूरोपीय देशों तक फैल सकते हैं। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह दुनिया भर में इजरायली और यहूदी समुदायों को निशाना बना सकता है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में इस आशय की जानकारी दी गई है।

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    इतालवी राजनीतिक सलाहकार, लेखक और भू-राजनीतिक विशेषज्ञ सर्जियो रेस्टेली ने एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक में लिखा, ''कई वर्षों तक पश्चिमी नीति निर्माता बांग्लादेश को इस्लामी कट्टरवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक गौण मुद्दा मानते रहे, घरेलू राजनीति में इतना उलझा हुआ जिसका रणनीतिक रूप से कोई महत्व नहीं था। लेकिन, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के अंतरिम शासन के तहत यह भ्रम टूट रहा है।''

    रेस्टेली के अनुसार, बांग्लादेश में धार्मिक उन्माद के बीच भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए गए हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हालिया घटना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निष्क्रियता कोई अपवाद नहीं है। बल्कि, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले मुस्लिम-बहुल देशों में से एक के भीतर घटित हो रहे एक गंभीर और अधिक खतरनाक परिवर्तन का प्रतिबिंब है।

    रेस्टेली ने बताया, ''बांग्लादेश में स्पष्ट रूप से इस्लामी कट्टरवाद देखने को मिल रहा है। वहां भीड़ द्वारा हिंसा, अल्पसंख्यकों को डराना-धमकाना, धर्मनिरपेक्ष आवाजों को दबाना और धार्मिक उन्माद अब सामान्य सी बात हो गई है। इन घटनाओं को अक्सर यूनुस द्वारा आंतरिक कानून-व्यवस्था की विफलता के रूप में पेश किया जाता है।

    दरअसल, यह एक ऐसे वैचारिक तंत्र के विकास को दर्शाता है जो बांग्लादेश की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है। यह तेजी से वैश्विक जिहादी विचारों से जुड़ रहा है, जो पश्चिम के प्रति शत्रुतापूर्ण है और इजरायल पर अत्यधिक केंद्रित है।''

    दीपू की क्रूर हत्या ने न केवल बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की बेबसी को उजागर किया, बल्कि इसने यह भी दिखाया कि धार्मिक हिंसा किस तरह सामाजिक वैधता हासिल कर रही है।

    बांग्लादेशी सुरक्षा एजेंसियों में पाकिस्तान की घुसपैठ: रिपोर्ट

    एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बांग्लादेशी सुरक्षा एजेंसियों में पाकिस्तान की घुसपैठ का पर्दाफाश हुआ है। पाकिस्तानी और बांग्लादेशी सुरक्षा प्रतिष्ठानों के बीच सहयोग में सैन्य प्रशिक्षण और इससे भी अधिक चिंताजनक रूप से बांग्लादेश की सेना खुफिया महानिदेशालय और राष्ट्रीय सुरक्षा खुफिया समेत विशिष्ट सुरक्षा एजेंसियों में घुसपैठ शामिल है।

    इसमें इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि राष्ट्रीय सशस्त्र रिजर्व बल में अनुमानित तौर पर लगभग 8,800 कट्टरपंथी मुस्लिम युवा शामिल होंगे।

    (समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)