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    शेख हसीना पर लगातार शिकंजा कस रही यूनुस सरकार, अब नहीं हो सकेगा पूर्व पीएम के भाषणों का प्रसारण

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 05:32 PM (IST)

    बांग्लादेश की यूनुस सरकार लगातार पूर्व पीएम शेख हसीना पर शिकंजा कसते नजर आ रही है। अब बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने अधिकार ...और पढ़ें

    अब नहीं हो सकेगा पूर्व पीएम शेख हसीना के भाषणों का प्रसारण (फाइल फोटो)

    पीटीआई, ढाका। Bangladesh News: बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार लगातार पूर्व पीएम शेख हसीना पर शिकंजा कसते नजर आ रही है। इस बीच बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने गुरुवार को अधिकारियों को मीडिया और सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्मों पर अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के सभी भाषणों के प्रसार पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।

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    दरअसल, ये आदेश शेख हसीना के हाल में दिए गए भाषण के बाद आया है। जब चार महीने पहले बांग्लादेश से भागने के बाद उन्होंने अपना पहला सार्वजनिक संबोधन दिया था। अपने भाषण में उन्होंने देश के अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस पर तीखा हमला किया था, उन पर नरसंहार करने और हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया था।

    शेख हसीना के भाषणों का नहीं होगा प्रसारण

    बता दें कि बांग्लादेश संगबाद संस्था (बीएसएस) ने इस आदेश के संबंध में बताया कि न्यायमूर्ति मोहम्मद गोलाम मुर्तुजा मजूमदार की अध्यक्षता वाले दो सदस्यीय न्यायाधिकरण ने आदेश पारित किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हसीना के सभी घृणास्पद भाषणों को सोशल मीडिया से हटा दें। इसी के साथ भविष्य में सभी प्रकार के प्लेटफॉर्म पर उनके भाषणों के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाएं।

    समाचार एजेंसी से बात करते हुए अभियोजक अधिवक्ता अब्दुल्ला अल नोमान ने बताया कि न्यायाधिकरण ने आईसीटी डिवीजन, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग (बीटीआरसी) के सचिवों को आदेश को तुरंत मानने के लिए कहा है। 

    पहले भी की गई भाषणों को हटाने की मांग

    अभियोजन पक्ष ने इससे पहले याचिका दायर की थी, जिसमें अपदस्थ प्रधानमंत्री द्वारा सभी प्रकार के भाषण को हटाने और प्रतिबंधित करने का अनुरोध किया गया था। इसमें दावा किया गया था कि ये भाषण गवाहों या पीड़ितों को डरा सकते हैं या जांच में बाधा डाल सकते हैं। वहीं, अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने मीडिया को इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि न केवल बांग्लादेश में, बल्कि दुनिया भर के हर कानून और हर देश में घृणास्पद भाषण देना एक आपराधिक अपराध है।

    तमीम ने दावा किया कि शेख हसीना ने भाषण दिए हैं, जिनमें उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि उन्हें 227 लोगों की हत्या करने का लाइसेंस मिल गया है, क्योंकि उनके खिलाफ इतनी ही संख्या में मामले दर्ज किए गए हैं। यहां तक ​​कि इन भाषणों के माध्यम से उन्हें अपने खिलाफ दर्ज मामलों के पीड़ितों और गवाहों को धमकियां देते हुए भी सुना गया।

    शेख हसीना ने यूनुस को बताया था सत्ता का भूखा

    गौरतलब है कि न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में अपने समर्थकों को वर्चुअली दिए गए भाषण में शेख हसीना (वर्तमान में भारत में रह रहीं) ने यह दावा किया था कि उन्हें और उनकी बहन शेख रेहाना को मारने की योजना थी, ठीक उसी तरह जैसे उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की 1975 में हत्या कर दी गई थी। यूनुस को सत्ता का भूखा बताते हुए, हसीना ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में पूजा स्थलों पर हमले हो रहे हैं और मौजूदा सरकार स्थिति से निपटने में पूरी तरह विफल रही है।

    उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना रविवार को 16 दिसंबर को मनाए जाने वाले विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपनी अवामी लीग पार्टी के समर्थकों से बात कर रही थीं। हालांकि हसीना ने पिछले कुछ महीनों में कई बयान दिए हैं, लेकिन बांग्लादेश में घटनाक्रम पर करीबी नज़र रखने वाले एक विशेषज्ञ ने कहा कि शरण लेने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक संबोधन था।