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    बांग्लादेश में क्या कुछ बड़ा होने वाला, यूनुस के खिलाफ भड़का लड़कियों का गुस्सा; देशभर में क्यों हो रहे प्रदर्शन?

    बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोक नहीं पा रही है। पिछले साल अगस्त महीने में अंतरिम सरकार के गठन के बाद महिलाओं के खिलाफ हिंसा में इजाफा हुआ है। मगर अब बांग्लादेश की छात्राओं के सब्र का बांध टूटने लगा है। देशभर में हिंसा के खिलाफ छात्राएं सड़कों पर उतरने लगी हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि अब बातों से काम नहीं चलेगा।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 10 Mar 2025 05:43 PM (IST)
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    हिंसा के खिलाफ ढाका विश्वविद्यालय में छात्राओं का प्रदर्शन। ( फोटो- पीटीआई )

    एएनआई, ढाका। बांग्लादेश में लड़कियों ने मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ढाका विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में लड़कियों ने महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया। आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद पूरे देश में लोगों का आक्रोश और बढ़ गया।

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    ढाका विश्वविद्यालय में महिला एवं लिंग अध्ययन विभाग की छात्रा जरीन रफीजा ने कहा कि हम चाहते हैं कि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म और हिंसा पर तुरंत एक्शन हो। घटना के विरोध में बांग्लादेश में बड़ी संख्या में छात्राओं ने कक्षाओं और परीक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है। सड़कों पर छात्राओं का प्रदर्शन जारी है।

    मौत की सजा की उठी मांग

    बांग्लादेश के पश्चिमी मगुरा जिले में दुष्कर्म के बाद 8 साल की मासूम जिदंगी की जंग लड़ रही है। गंभीर हालत में उसे राजधानी ढाका के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश है। महिला कार्यकर्ताओं ने बिना देरी दुष्कर्मियों को मौत की सजा देने की मांग की।

     (फोटो- एएनआई)

    5 अगस्त का मुद्दा अहम नहीं

    जरीन रफीना ने कहा कि हम आज यहां पूरे देश में हो रही हिंसा खासकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। हम इस महीने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं। मगर हमने यह भी देखा है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा लंबे समय से चली आ रही है। 5 अगस्त का मुद्दा अभी अहम नहीं है क्योंकि हमें हिंसा का विरोध करना है।

    बातों पर भरोसा नहीं... अब एक्शन चाहिए

    रफीजा ने कहा कि हम बहुत लंबे समय से चुप हैं। सरकार हिंसा को रोकने का कोई कदम नहीं उठा रही है। हमें सिर्फ शब्दों पर भरोसा नहीं है। हम ईमानदारी से एक्शन चाहते हैं। हम इसी वक्त से न्याय की मांग और बदलाव चाहते हैं। मगर मौजूदा समय में हमें कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।

    बांग्लादेश में महिलाओं का दावा है कि पिछले साल सत्ता परिवर्तन के बाद देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में इजाफा हुआ है। इस पर राफिजा ने कहा कि कानून में सुधार की आवश्यकता है। इसके अलावा लोगों को अपनी मानसिकता भी सुधारनी होगी। रफीजा ने दुष्कर्म की परिभाषा को बदलने की भी मांग की।

    5 अगस्त को क्या हुआ था?

    पिछले साल जुलाई में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन भड़का था। बाद में यह आंदोलन प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हो गया। ढाका में हिंसक घटनाओं के बाद 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा के दौरान बांग्लादेश में 1400 से अधिक लोगों की जान गई। शेख हसीना के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। अब यूनुस के खिलाफ छात्राओं का गुस्सा बढ़ रहा है।

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