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    'बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ', शेख हसीना के सहयोगी का यूनुस सरकार पर बड़ा आरोप

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 08:15 PM (IST)

    बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सहयोगी ने आरोप लगाया है कि 2024 में हुए तख्तापलट में अमेरिकी सरकार और क्लिंटन परिवार का हाथ था। पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने USAID और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के बीच सांठगांठ का दावा किया है। उन्होंने USAID पर सरकार के खिलाफ अभियान चलाने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जिसके कारण हसीना को देश छोड़ना पड़ा।

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    मुहम्मद यूनुस। (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सहयोगी और पूर्व मंत्री ने रशिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हुए विद्रोह को पीछे अमेरिकी सरकार की ह्यूमन टेरियन एजेंसी और क्लिंटल परिवार का हाथ था, जिसके कारण साल 2024 में शेख हसीना को सत्ता से बदखल होना पड़ा था।

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    शेख हसीना कैबिनेट के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने USAID और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के बीच सांठगांठ का भी दावा किया है। यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट अमेरिकी सरकार की सबसे बड़ी मानवीय शाखा है।

    अमेरिकी संगठन चला रहे थे हसीना सरकार के खिलाफ अभियान- चौधरी

    मोहिबुल हसन चौधरी ने कहा, "कुछ गैर-सरकारी संगठनों, खासकर अमेरिका के, जैसे USAID या इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट, ये संगठन 2018 से ही हमारी सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे थे।"

    हसीना ने भी पहले यूनुस पर देश को अमेरिका के हाथों बेचने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान, जिन्हें कभी बांग्लादेश में राष्ट्रपिता कहा जाता था, सेंट मार्टिन द्वीप के लिए अमेरिका की मांगों से सहमत नहीं थे। अमेरिका ने बांग्लादेश संकट में किसी भी भूमिका से इनकार किया था और इन दावों को हास्यास्पद बताया था।

    देश छोड़कर भागीं शेख हसीना

    ढाका और प्रमुख शहरों में हफ्तों तक चले छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बाद, हसीना 5 अगस्त, 2024 को अपनी जान के डर से बांग्लादेश छोड़कर भाग गईं।

    बांग्लादेश में हिंसा योजनाबद्ध थी- चौधरी

    चौधरी ने आरोप लगाया कि यह हिंसा योजनाबद्ध थी और पश्चिमी हितों को लाभ पहुंचाने के लिए इसे फंड किया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि क्लिंटन परिवार और यूनुस शासन का एक लंबा इतिहास रहा है और वे लंबे समय से सत्ता परिवर्तन की कोशिश कर रहे थे।

    क्लिंटन परिवार और अंतरिम यूनुस सरकार के बीच सांठगांठ- चौधरी

    उन्होंने कहा, "क्लिंटन परिवार और अंतरिम यूनुस सरकार के बीच बहुत लंबे समय से सांठगांठ है। ये गतिविधियां लंबे समय से चल रही थीं। वे ज्यादा खुले तौर पर नहीं थे, लेकिन गुप्त एनजीओ को धन मुहैया कराया जा रहा था। वे बांग्लादेश में सरकार बदलने पर तुले हुए थे।"

    चौधरी ने यह भी सवाल उठाया कि यूएसएआईडी के लाखों डॉलर कहां गायब हो गए। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि उन पैसों का इस्तेमाल बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन गतिविधियों के लिए किया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा, "इस पैसे से अराजकता की योजना बनाई गई थी और यह एक बड़े दंगे में बदल गई।"

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