Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत पर हमला करने के लिए आतंकियों को ट्रेनिंग देती है पाकिस्तान की ये सीक्रेट यूनिट, Inside Story

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 06:24 PM (IST)

    पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की गुप्त यूनिट एस1 भारत में आतंकी हमलों में शामिल है। यह यूनिट 1993 के मुंबई धमाकों से लेकर कई हमलों में शामिल रही है। एस1 का मुख्यालय इस्लामाबाद में है और यह ड्रग्स के पैसे से आतंकवाद को बढ़ावा देती है। यह यूनिट 25 सालों से सक्रिय है और आतंकी संगठनों को प्रशिक्षण देती है, लेकिन उनकी पहचान गुप्त रखती है।

    Hero Image

    पहलगाम आतंकी हमले की तस्वीर। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने भारत पर जितने भी आतंकी हमले किए हैं उसमें इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की सीक्रेट यूनिट एस1 का हाथ है। 1993 के मुंबई धमाके से लेकर जम्मू-कश्मीर का पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले तक, भारत में आतंकवाद फैलाने में इसी एस1 यूनिट की बड़ी भूमिका रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि एस1 का मतलब सबवर्जन 1 है। यह यूनिट पाकिस्तान में सीमा पार आतंकवाद फैलाने वाली ताकतों के पीछे सबसे बड़ी वजह है। एस1 का मुखिया पाकिस्तानी सेना का एक कर्नल है, जबकि दो बड़े अधिकारी एक्टिव ऑपरेशन्स देखते हैं। इन दोनों अधिकारियों के कोड नेम गाजी1 और गाजी2 हैं।

    इस्लामाबाद में है एस1 का हेडक्वार्टर

    इस रिपोर्ट की अगर मानें तो एस1 यूनिट का हेडक्वार्टर इस्लामाबाद में है और इसकी ज्यादातर आतंकवादी गतिविधियों को ड्रग्स के पैसे स फंड किया जाता है। इस यूनिट के कर्मी और ट्रेनर सभी तरह के बम और आईईडी बनाने में एक्सपर्ट हैं। साथ ही कई तरह के हथियार चलाने में भी इनको महारथ हासिल है। इतना ही नहीं इस यूनिट के पास भारत की ज्यादातर जगहों के विस्तार वाले नक्शे हैं।

    25 सालों से एक्टिव है एस1 यूनिट

    एस1 यूनिट पिछले 25 सालों से काम कर रही है। वहीं भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में इसकी सभी गतिविधियों का पता लगाया है। एस1 को खासतौर पर भारत पर आतंकी हमले करने का काम सौंपा गया है और यह पाकिस्तान में काम करने वाले सभी आतंकी संगठनों से जुड़ी हुई है।

    एस1 के लोगों को जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे ग्रुप्स के टेरर ट्रेनिंग कैंप्स में देखा गया है। वे लंबी दाढ़ी रखकर और लोकल, एथनिक कपड़े पहनकर घुलने-मिलने की कोशिश करते हैं। यह यूनिट इतनी सीक्रेट है कि आतंकी संगठनों को भी नहीं पता चलता कि उनके ट्रेनर एस1 यूनिट से हैं।

    यह भी पढ़ें: क्या पाकिस्तान-अफगानिस्तान की होगी दोस्ती? शांति समझौते के लिए इस्लामाबाद जा रहा तुर्किए का प्रतिनिधिमंडल