बांग्लादेश क्यों बदल रहा इतिहास, शेख हसीना परिवार से दुश्मनी या कोई और वजह; यूनुस ऐसे मिटा रहे 'मुजीब' की निशानी
Bangladesh changing history बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस शैक्षणिक पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव कर अपने देश का इतिहास ही बदलने जा रही है। सरकार अब 1971 में अपनी आजादी का श्रेय शेख मुजीबुर रहमान की जगह जियाउर रहमान को देगी। यूनुस सरकार लगातार कई कदमों से मुजीबुर रहमान का इतिहास मिटाने पर लगे हैं। आखिर ये कैसे और क्यों किया जा रहा है आइए जानते हैं....

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Bangladesh history बांग्लादेश में अब इतिहास बदलने की तैयारी की जा रही है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने बच्चों के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव करने की घोषणा कर दी है। सरकार अब 1971 में अपनी आजादी का श्रेय शेख मुजीबुर रहमान की जगह जियाउर रहमान को देने जा रही है।
बांग्लादेश में मुजीब को बंगबंधु के नाम से जाना जाता है। उन्हें राष्ट्रपिता भी कहा जाता था, लेकिन अब इस उपाधि को हटा लिया गया है। यूनुस सरकार लगातार कई कदमों से मुजीबुर रहमान का इतिहास मिटाने पर लगे हैं। आखिर ये कैसे और क्यों किया जा रहा है, आइए जानते हैं....
पाठ्यपुस्तकों में अब अलग ही संदेश लिखा होगा
यूनुस सरकार के आदेशानुसार, नई पाठ्यपुस्तकों में अब अलग ही संदेश लिखा होगा। डेली स्टार से बात करते हुए राष्ट्रीय पाठ्यपुस्तक बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर एकेएम रेजुल हसन ने कहा कि अब ये लिखा जाएगा कि 26 मार्च 1971 को जियाउर रहमान ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की थी। हालांकि 27 मार्च को उन्होंने बंगबंधु की ओर से स्वतंत्रता की एक और घोषणा की।
कौन है जियाउर रहमान?
जियाउर रहमान का जन्म 19 जनवरी 1936 को बंगाल के बागबारी में हुआ था। जिया 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति भी रहे। जियाउर रहमान को बांग्लादेश में जिया नाम से भी जाना जाता था। उनके पिता मंसूर रहमान एक रसायनज्ञ थे। जिया का बचपन कोलकाता और बोगरा में बीता।
जियाउर रहमान ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की स्थापना भी की और वर्तमान बीएनपी नेता खालिदा जिया से शादी की।
जियाउर रहमान ने 1965 के भारत-पाक जंग में भी भारत के खिलाफ जंग लड़ी थी। वहीं, 25 मार्च 1971 में पाकिस्तान के मानवसंहार को देखकर जिया ने पाक के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया।
26 मार्च को जियाउर रहमान ने पाक सेना के हार मानने के बाद कलुरघाट रेडियो स्टेशन से आजादी का एलान किया। उन्होंने कहा था... "मैं मेजर जिया, बांग्लादेश मुक्ति सेना का प्रोविजनल कमांडर-इन-चीफ... बांग्लादेश की आजादी की घोषणा करता हूं। अब इसी घोषणा का इस्तेमाल कर यूनुस सरकार इतिहास बदलने की तैयारी में है।
अवामी लीग का क्या है कहना?
वहीं, शेख मुजीबुर रहमान हाल ही में हटाई गई बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता थे। उन्होंने देश के मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया था। अब यूनुस सरकार का कहना है कि वो पाठ्यपुस्तकों में बदलाव कर थोपे गए इतिहास को हटा देगी।
उधर, अवामी लीग के समर्थकों का कहना है कि मुजीबुर रहमान ने आजादी की घोषणा की थी, जबकि जियाउर रहमान ने केवल उनके निर्देशों का पालन किया था।
मुजीबुर रहमान के इतिहास को मिटाने की कोशिश
इससे पहले, बांग्लादेश सरकार ने पुराने नोटों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के दौरान अपने करेंसी नोटों से शेख मुजीबुर रहमान की फोटो को हटा दिया था। यह कार्रवाई 5 अगस्त को उनकी बेटी शेख हसीना को प्रधानमंत्री के पद से हटाने के बाद की गई थी।
वहीं, मुजीबुर रहमान से अब राष्ट्रपिता की उपाधि भी छीन ली गई है।
ये भी हो सकते इतिहास बदलने के कारण
दरअसल, यूनुस सरकार छात्र संगठनों को भी खुश करने के लिए ये कदम उठा सकती है। वहीं, जियाउर रहमान की पत्नी खालिदा जिया को खुश करने के लिए भी ऐसा किया जा सकता है। दरअसल, बीएनपी यूनुस सरकार पर चुनाव करवाने के लिए दबाव बना रही थी।
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