ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री बने एंथनी अल्बनीज, 21 साल में लगातार दूसरी बार हासिल की जीत
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ 21 वर्षों में लगातार दो बार तीन साल का कार्यकाल जीतने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। विपक्षी नेता पीटर डटन अपनी संसदीय सीट से हार गए हैं। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के चुनाव में अल्बनीज ने यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर जीत के बाद पोस्ट किया है।

एपी, मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया में हुए आम चुनाव में प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने जीत हासिल की है। सत्तारूढ़ लेबर पार्टी के नेता 21 वर्षों में लगातार दूसरी बार तीन साल का कार्यकाल जीतने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री बन गए हैं।
रूढ़िवादी लिबरल पार्टी के नेता पीटर डटन अपनी डिक्सन की सीट भी नहीं बचा सके। इस पर लेबर पार्टी की उम्मीदवार ने जीत हासिल की। उन्होंने हार स्वीकार करते हुए कहा कि हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं।
पीएम मोदी ने दी बधाई
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एंथनी अल्बानीज को उनकी शानदार जीत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में पुन: निर्वाचित होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि वह भारत-ऑस्ट्रेलिया के व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने के लिए साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।
- जीत के बाद समर्थकों को संबोधित करते हुए अल्बानीज ने कहा, 'हमने यहां विभाजन और ऑस्ट्रेलियाई लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की अमेरिकी शैली की राजनीति चलाने का प्रयास देखा है और मुझे लगता है कि यह ऑस्ट्रेलियाई तरीका नहीं है। हमारी सरकार ऑस्ट्रेलियाई तरीका चुनेगी, क्योंकि हमें इस पर गर्व है कि हम कौन हैं। हमें कहीं और से नकल करने की जरूरत नहीं है। हम इसे यहीं अपने मूल्यों और अपने लोगों में पाते हैं।'
- जीवन-यापन के बढ़ते खर्च और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अस्थिर नीतियों के बारे में चिंताएं मतदाताओं के बीच प्रमुख मुद्दा थीं। ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग की वेबसाइट ने अनुमान व्यक्त किया है कि लेबर पार्टी प्रतिनिधि सभा में 150 में से 81 सीटें जीतेगी, जिससे संसद में उसका बहुमत बढ़ जाएगा। अभी 68 प्रतिशत मतों की गिनती हो चुकी है।
डटन को डोज वाई करार दिया
लेबर पार्टी ने विपक्षी नेता को डोज-वाई डटन करार दिया और उनकी पार्टी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सरकारी दक्षता विभाग (डोज) की नकल का आरोप लगाया। लेबर पार्टी का तर्क था कि डटन का प्रशासन अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सेवाओं में कटौती करेगा।
दरअसल, डटन की लिबरल पार्टी ने मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने और ब्याज दरों में वृद्धि के लिए सरकारी अपव्यय को दोषी ठहराया था और सरकारी खर्च को कम करने के लिए पांच में से एक से अधिक सार्वजनिक सेवा नौकरियों को समाप्त करने का संकल्प लिया था।
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