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    दिमाग का 3 डी चित्र बनाने वाले इस स्कैनर को ले जाया सकता है एक जगह से दूसरी जगह

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Wed, 03 Jan 2018 12:14 PM (IST)

    यह स्कैनर सुरक्षित और कम ऊर्जा वाले माइक्रोवेव्स का प्रयोग कर दिमाग के ऊतकों यानी टिश्यूज का नक्शा तैयार कर 3डी चित्र बनाता है। ...और पढ़ें

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    दिमाग का 3 डी चित्र बनाने वाले इस स्कैनर को ले जाया सकता है एक जगह से दूसरी जगह

    मेलबर्न (प्रेट्र)। मस्तिष्क पर लगी चोट और स्ट्रोक का पता लगाने के लिए ऑस्ट्रेलिया में एक ब्रेन स्कैनर विकसित किया गया है। दिमाग का 3डी  चित्र बनाने वाले इस स्कैनर को कहीं भी ले जाया जा सकता है।

    इसे यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड(यूक्यू) के प्रोफेसर और एमविजन मेडिकल डिवाइसेज के साझा प्रयास से बनाया गया है। स्कैनर का प्रयोग सबसे अधिक अस्पतालों के आपातकालीन कक्ष, एंबुलेंस और ग्रामीण इलाकों में किया जा सकेगा।

    एमविजन के सीईओ जॉन कीप ने बताया, ‘यह स्कैनर सुरक्षित और कम ऊर्जा वाले माइक्रोवेव्स का प्रयोग कर दिमाग के ऊतकों यानी टिश्यूज का नक्शा तैयार कर 3डी चित्र बनाता है। इसकी सहायता से डॉक्टर आसानी से दिमाग पर लगी चोट या स्ट्रोक का पता लगा लेंगे।’

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    हर साल एड्स, टीबी या मलेरिया से अधिक लोगों की मृत्यु ब्रेन स्ट्रोक के कारण होती है। ऑस्ट्रेलिया में स्ट्रोक के इलाज पर प्रति वर्ष लगभग 3180 करोड़ रुपये का खर्च होता है। इस स्कैनर को यूक्यू के प्रो. अमीन अबोश, स्टुअर्ट क्रोजियर और इसी विवि के अन्य शोधकर्ताओं ने मिलकर बनाया है। दिमाग पर लगी चोट या स्ट्रोक का पता ना लगने से शहरों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में 20 फीसद अधिक लोगों की मौत होती है।

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