सऊदी तेल संयंत्रों पर हमले से चरम पर पहुंचा अमेरिका और ईरान में तनाव, गहराया युद्ध का खतरा
तेल कंपनी अरैमको पर ड्रोन हमले के जवाब में ईरान ने कहा है कि अमेरिकी सैन्य अड्डे और पोत हमारे निशाने पर हैं।
दुबई, रायटर। सऊदी अरब की तेल कंपनी अरैमको के दो संयंत्रों पर ड्रोन हमले के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ने हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। इस पर ईरान के विशिष्ट सुरक्षा बल रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक शीर्ष कमांडर ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि उनका मुल्क युद्ध के लिए तैयार है। अमेरिका के सैन्य अड्डे और विमानवाहक पोत ईरानी मिसाइलों की जद में हैं। सऊदी अरब के तेल प्लांट पर शनिवार को हुए हमले की जिम्मेदारी ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों ने ली थी।
तस्नीम न्यूज एजेंसी ने रविवार को रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर एयरोस्पेस फोर्स के प्रमुख अमीरली हाजीजादेह के हवाले से कहा, 'हर कोई जानता है कि ईरान के दो हजार किलोमीटर के दायरे में अमेरिकी सैन्य अड्डे और उनके विमानवाहक पोत हैं। इसलिए वे हमारी मिसाइलों की जद में हैं। जब चाहेंगे, उन्हें मार गिराएंगे। तेहरान युद्ध के लिए हमेशा तैयार है।' इसके पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने सऊदी तेल संयंत्रों पर हमले के लिए सीधे तौर पर ईरान को जिम्मेदार ठहराया था।
परमाणु करार टूटने से शुरू हुआ तनाव
पिछले साल मई में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने का एलान किया था। इसके बाद उस पर कई सख्त प्रतिबंध थोप दिए थे। तब से दोनों देशों में तनाव गहराता जा रहा है।
पश्चिम एशिया में तैनात किए विमानवाहक पोत
अमेरिका ने ईरान की ओर से होने वाले किसी भी तरह के हमले से निपटने के लिए पश्चिम एशिया में अपने विमानवाहक पोत और कई युद्धपोत तैनात कर रखे हैं। इस क्षेत्र में उसने अपने सैनिकों की संख्या भी बढ़ा दी है। अमेरिका ने बमवर्षक विमान भी तैनात कर रखे हैं।
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