नेतन्याहू को किससे खतरा? ट्रंप से मिलने 400 KM ज्यादा घूमकर US क्यों गए इजरायली प्रधानमंत्री?
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका पहुंच चुके हैं। नेतन्याहू के विमान ने हंगरी से अमेरिका की उड़ान के दौरान सामान्य मार्ग से करीब 400 किलोमीटर लंबा रास्ता तय किया ताकि वो उन देशों के हवाई क्षेत्र में दाखिल न हों जो (ICC) के गिरफ्तारी वारंट को लागू कर सकते थे। बता दें कि ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने भारत समेत पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल और गाजा (Israel Gaza War) के बीच युद्ध विराम महज एक मजाक बनकर रह गया है। दोनों गुटों, यानी हमास और इजरायली सेना की ओर से बमबारी जारी है। रविवार को हुए ताजा हमलों में कम से कम 32 फलस्तीनियों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इसी बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका पहुंच चुके हैं।
थोड़ी देर में ट्रंप से उनकी मुलाकात होने वाली है। हालांकि, ट्रंप से मिलने के लिए इजरायली पीएम को 400 किलोमीटर का एक्स्ट्रा हवाई यात्रा करना पड़ा है। इसके पीछे की वजह भी सामने आ चुकी है।
नेतन्याहू ने क्यों तय किया लंबा रास्ता?
दरअसल, नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu Meeting With Donald Trump) के विमान ने हंगरी से अमेरिका की उड़ान के दौरान सामान्य मार्ग से करीब 400 किलोमीटर लंबा रास्ता तय किया ताकि वो उन देशों के हवाई क्षेत्र में दाखिल न हों जो आपराधिक न्यायालय (ICC) के गिरफ्तारी वारंट को लागू कर सकते थे।
यह जानकारी इजरायली अखबार Haaretz की रिपोर्ट में सामने आई है। बता दें कि गाजा में युद्ध की वजह से ICC ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी की है। गौरतलब है कि अगर नेतन्याहू उन देशों की यात्रा करते हैं, जहां ICC के नियम माने जाते हैं, वहां नेतन्याहू की गिरफ्तारी हो सकती है।
हंगरी में क्यों नहीं हुई नेतन्याहू की गिरफ्तारी?
अमेरिका पहुंचने से पहले नेतन्याहू हंगरी के दौरे पर थे। वहां उन्होंने प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन से बातचीत की। ऑर्बन सरकार ने नेतन्याहू के दौरे से पहले एलान किया था कि वह आईसीसी की आधार संधि रोम स्टेच्यूट से हट रही है, जो किसी भी आरोपी को आईसीसी के सुपुर्द करने का दायित्व देती है।
अमेरिका क्यों पहुंचे नेतन्याहू?
ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने भारत समेत पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार की हालत पतली हो चुकी है। भारत के शेयर बाजार पर रेसिप्रोकल टैरिफ का असर दिखा है।
बता दें कि रेसिप्रोकल टैरिफ का असर इजरायल पर भी पड़ेगा, जिसकी वजह से ट्रंप के करीबी दोस्त नेतन्याहू भी चिंतित हैं। नेतन्याहू भी इस रेसिप्रोकल टैरिफ से राहत की उम्मीद चाहते हैं। अमेरिका ने इजरायल पर 17 फीसदी टैरिफ लगाया है।
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