Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Turkiye Earthquake: भूकंप के कारण तुर्किये में अस्थायी शिविरों में रहने को मजबूर हुए लोग, छोड़ना चाहते हैं शहर

    सीरिया और तुर्किये में आए भीषण विनाशकारी भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या 28000 से अधिक हो गई है। सोमवार को आए भूकंप के छह दिन बाद भी राहत एवं बचाव कार्य जारी है। तुर्किये में जीवित बचे लोगों के लिए अब मुश्किल खड़ी हो गई है।

    By Sonu GuptaEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 12 Feb 2023 10:07 PM (IST)
    Hero Image
    भूकंप के कारण तुर्किये में अस्थायी शिविरों में रहने को मजबूर हुए लोग

    अंटाक्या, रायटर। सीरिया और तुर्किये में आए भीषण विनाशकारी भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या 28,000 से अधिक हो गई है। सोमवार को आए भूकंप के छह दिन बाद भी राहत एवं बचाव कार्य जारी है। ऐसे में लोगों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। तुर्किये में जीवित बचे लोगों के लिए अब मुश्किल खड़ी हो गई है। लोग विनाशकारी भूकंप में अपने घरों को तबाह होने के बाद अस्थायी शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रहने और खाने-पीने की समस्याओं से बेबस लोग

    मालूम हो कि देश में ऐसे कई लोग हैं जो अपने संबंधियों की मौत के साथ रहने और खाने-पीने की समस्याओं से जूझ रहे हैं। अंटाक्या में रहने वाली असलिहान कवासोग्लु पिछले छह दिन से अपने परिवार के साथ अंटाक्या के एक पार्क में अस्थायी शिविर में दिन बिता रही है। वह भूकंप से तबाह अपने शहर को छोड़ना चाहती है। उनका कहना है कि भूकंप में उनकी दो बहनें, भाई और मां की मौत हो गई है। अब वह इस शहर में रहना नहीं चाहती हैं। हालांकि उसके पास कहीं जाने की जगह नहीं है और बाहर निकलने का कोई साधन भी नहीं है।

    चारों तरफ फैली गंदगी और बदबू से लोग परेशान

    भूकंप के बाद लोगों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। लोग अस्थायी शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं। असलिहान, उसका पति और तीन बच्चे भूकंप से बच गए और इन्हें पार्क में बनाए गए अस्थायी शिविर में जगह मिल गई है। हालांकि यहां रहना उनके लिए लगातार मुश्किल बना हुआ है। इस शिविर में कई ऐसे भी परिवार रह रहे हैं, जिनका मकान सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप के कारण मलबे में तब्दील हो गया। सभी जमीन पर सोते हैं और भोजन-पानी के लिए सहायता कर्मियों पर निर्भर हैं।

    अस्थायी शिविरों के पास लगा हुआ है कूड़ों का अंबार

    अस्थायी शिविरों के पास कूड़े के ढेर के साथ गंदगी का अंबार लगा हुआ है। हवा में कचरे की गंध है और लोग पूरा दिन अलाव जलाकर ठंड का सामना कर रहे हैं। अंटाक्या नगरपालिका में कूड़ा इकट्ठा करने का काम करने वाले असलिहान के पति कहते हैं कि कोई भी अपना शहर नहीं छोड़ना चाहता है लेकिन परिवार की भलाई के लिए वह ऐसा करेंगे। शहर में ज्यादातर लोग इन्हीं मुश्किल हालातों में जी रहे हैं।

    यह भी पढे़ं-

    Fact Check : ट्राईकॉन्टिनेंटल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर विजय प्रसाद के वीडियो को आईएएस अधिकारी का बताकर किया जा रहा शेयर

    China Super Cow: एक लाख लीटर दूध देगी ‘सुपर काऊ’, वैज्ञानिकों ने दूध की क्वालिटी और गाय की सेहत पर जताई चिंता