Turkiye Earthquake: भूकंप के बीच दिखी उम्मीद की किरण, बचावकर्मियों ने जिंदगियों की तलाश में झोंकी पूरी ताकत
अंतरराष्ट्रीय खोज एवं बचाव दल के प्रमुख स्टीवन बायर ने बताया कि ऐसी परिस्थितियों के बावजूद महिला का जीवित बचना एक चमत्कार से कम नहीं है। तुर्किये के अंटाक्या शहर में बचावकर्मियों ने 10 दिन के नवजात बच्चे और उसकी मां को जीवित बाहर निकाला गया।
अंटाक्या, रायटर्स। तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप की वजह से चारों तरफ मातम पसरा हुआ है। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। नाउम्मीदी के ढेर में दबी जिंदगियों को उम्मीद है कि बचावकर्मी उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे।
बचावकर्मियों ने कई दिनों तक मलबे में फंसे हुए बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला, जिसकी वजह से लोगों के भीतर उम्मीद की गई किरण जाग गई।
104 घंटे बाद मलबे से बाहर निकली महिला
तुर्किये के किरिखान शहर में जर्मनी के आपातकालीन कर्मचारियों ने कंक्रीट और लोहे-स्टील के मलबे के बीच 104 घंटे तक फंसी रही 40 वर्षीय महिला को जिंदा बाहर निकाला। अंतरराष्ट्रीय खोज एवं बचाव दल के प्रमुख स्टीवन बायर ने बताया कि ऐसी परिस्थितियों के बावजूद महिला का जीवित बचना एक चमत्कार से कम नहीं है। तुर्किये के अंटाक्या शहर में बचावकर्मियों ने 10 दिन के नवजात बच्चे और उसकी मां को जीवित बाहर निकाला गया। नवजात बच्चा अपनी मां के साथ 4 दिनों तक मलबे में फंसा था।
हाथों से हटाया गया मलबा
व्हाइट हेल्मेट्स समूह के बचाव दल ने अपने हाथों से ही प्लास्टर और सीमेंट का मलबा हटाकर बच्ची की जान बचाई। सीरिया में जारी गृहयुद्ध और हिंसा के चलते भूकंप बचाव कार्यों में भी दिक्कतें आ रही हैं।
दिन-रात जिंदगियों की तलाश कर रहे बचावकर्मी
तुर्किये और सीरिया में सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप के चलते अब तक 21,000 ज्यादा लोगों की मौत हो गई। भीषण सर्दी में लाखों लोग बेघर हो गए और भोजन की कमी से जूझ रहे हैं। यहां बचावकर्मी इमारतों के मलबे में दिन-रात जिंदगियों की तलाश में जुटे हुए हैं। ऐसे में बचावकर्मी आस-पास के लोगों से शांत रहने की अपील कर रहे हैं ताकि मलबे में फंसे लोगों की आवाज सुनी जा सकें।