सीरिया: नागरिकों की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों पर हमला; 14 की मौत और 10 से अधिक घायल
सीरिया में एक हमले में नागरिकों की सुरक्षा में तैनात 14 अधिकारियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ये हमला घात लगा कर किया गया था। इस हमले में 10 अधिकारियों के घायल होने की खबर है। पहले बताया गया था कि टार्टस प्रांत में हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के स्थानीय सशस्त्र निवासियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं।
आईएएनएस, दमिश्क। सीरिया के उत्तर-पश्चिमी प्रांत टार्टस में घात लगाकर किए गए हमले में अंतरिम आंतरिक मंत्रालय के 14 अधिकारी मारे गए और दस अन्य घायल हो गए। अंतरिम सरकार के मंत्री मोहम्मद अब्दुल रहमान ने यह जानकारी दी।
सुरक्षा में तैनात अधिकारी मारे गए
मंत्रालय ने कहा कि मारे गए अधिकारी नागरिकों की सुरक्षा में तैनात थे। इस संबंध और कोई विवरण नहीं दिया गया है। इससे पहले बताया गया था कि टार्टस प्रांत में हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के स्थानीय सशस्त्र निवासियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं।
स्थानीय लोगों ने किया विरोध
सीरियन आब्जर्वेटरी फार ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट के अनुसार, लड़ाई खारबेट अल-मज्जा गांव में शुरू हुई जब स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों की ओर से घर की जांच का विरोध किया। सशस्त्र निवासियों ने एचटीएस से संबंधित एक वाहन में आग लगा दी।
सैन्य गठबंधन के लड़ाकों का एक बड़ा काफिला लताकिया प्रांत के पास के क्षेत्र की ओर जा रहा था। इसमें कहा गया कि उनका लक्ष्य सशस्त्र स्थानीय लोगों को पकड़ना है जिन्हें वे पिछले शासन से जुड़ा मानते हैं। इस महीने की शुरुआत में सीरिया में बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद देश भर में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा दिया है।
असद सरकार के पतन के बाद बढ़ीं घटनाएं
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में सीरिया में बशर अल-असद की सरकार का पतन हो गया। वहीं, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा। असद सरकार के पतन के बाद कई हाई-प्रोफाइल घटनाओं ने पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा दिया है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को अलेप्पो में अलावी उपासकों द्वारा पूजनीय एक मंदिर पर कथित हमले को दर्शाने वाला एक वीडियो भी प्रसारित किया गया। जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुआ और जवाबदेही की मांग की गई। वहीं, कई कई प्रमुख अलावी क्षेत्रों में भी प्रदर्शन देखने को मिले, समुदाय के सदस्यों ने चिंता व्यक्त की कि नए अधिकारी उनके धार्मिक प्रतीकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं।
इन सब के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने जोर देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अलग-थलग हैं और चेतावनी दी कि पूर्व सरकार के अवशेष सांप्रदायिक दरारों का फायदा उठाकर कलह पैदा कर सकते हैं।
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