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    'बाढ़ से तबाही के लिए पाकिस्तान को मुआवजा दे दुनिया', पर्यावरण सम्मेलन में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की मांग

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Thu, 10 Nov 2022 01:09 AM (IST)

    COP 27 पर्यावरण सम्मेलन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने दुनिया भर के देशों के सामने मांग रखी है। विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि बाढ़ से तबाही के लिए दुनिया को पाकिस्तान को मुआवजा देना चाहिए।

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    पर्यावरण सम्मेलन में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की मांग (फाइल फोटो)

    शर्म अल-शेख, एजेंसी। पर्यावरण सम्मेलन में भाग लेने मिस्त्र पहुंचे पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पाकिस्तान में आई बाढ़ के लिए मुआवजे की मांग की। उन्होंने कहा, उनके देश में अतिवृष्टि और उसके बाद बाढ़ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों के कारण आई।

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    पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की मांग

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा इस आपदा में 40 अरब डालर से ज्यादा संपत्ति का नुकसान हुआ और हजारों लोगों की जान गई। इसलिए उनके देश को संपन्न देशों की ओर से मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, विकासशील देशों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान से उबारने के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बननी चाहिए।

    चीन ने जताई गरीब देशों को मदद देने की इच्छा

    इस बीच चीन ने गरीब देशों को पर्यावरण सुधार के लिए आर्थिक और तकनीक सहायता देने की इच्छा जताई है। यह इच्छा सम्मेलन में भाग लेने आए चीन के पर्यावरण संबंधी मामलों के दूत शी झेनहुआ ने जताई।

    ग्रीनवाशिंग बर्दाश्त न की जाए: गुटेरस

    सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने ग्रीनवाशिंग को कतई बर्दाश्त न किए जाने का आह्वान किया। ग्रीनवाशिंग शब्द का इस्तेमाल कंपनियों की उस हरकत के लिए किया जाता है जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कार्य करती हैं और बदले में पर्यावरण सुधार के लिए बड़े कार्य करने का दावा करती हैं। लेकिन जमीन पर वे उतना कुछ नहीं करती हैं। उनके दावे हवाई होते हैं।

    कार्बन से मुक्ति के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग बढ़े

    दुनिया को कार्बन मुक्त बनाने में परमाणु शक्ति बड़ी भूमिका अदा कर सकती है। परमाणु ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली का कई देश बेहतर इस्तेमाल कर पर्यावरण की सुरक्षा का दायित्व निभा रहे हैं। इसके लिए तकनीक संपन्न राष्ट्रों को विश्व की मदद के लिए आगे आना चाहिए। लेकिन उसके लिए मजबूत सुरक्षात्मक ढांचा भी तैयार होना चाहिए। यह बात बुधवार को पर्यावरण सम्मेलन में कही गई। कहा गया कि बिजली की बढ़ती मांग के मद्देनजर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों पर ध्यान दिया जाना जरूरी है।

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