Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    अफगानिस्तान की 33 फीसद आबादी झेल रही भीषण गरीबी, खाद्य असुरक्षा भी चरम पर; रिपोर्ट में दावा

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 28 Dec 2022 11:35 PM (IST)

    अफगानिस्तान में 33 प्रतिशत से अधिक आबादी अत्यधिक गरीबी का सामना कर रही है। हालात ये है यहां खाद्य असुरक्षा भी चरम पर है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) ने अफगानिस्तान को लेकर अपनी एक रिपोर्ट में ये दावा किया है।

    Hero Image
    अफगानिस्तान की 33 फीसद आबादी झेल रही भीषण गरीबी (फोटो एएनआइ)

    काबुल, एजेंसी। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) ने अफगानिस्तान में भूख के स्तर और खाद्य असुरक्षा को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। ओआरएफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान को गंभीर भूख की समस्या और खाद्य असुरक्षा के उच्च स्तर का सामना करना पड़ रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अफगानिस्तान खाद्य असुरक्षा में सबसे ऊपर

    दरअसल, भारत में स्थित एक स्वतंत्र वैश्विक थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन ने 136 देशों में खाद्य असुरक्षा वर्ग पर शोध किया है, जिसमें दक्षिण एशियाई देशों की सूची में अफगानिस्तान पहले स्थान पर है। रिपोर्ट में बताया गया है कि खाद्य असुरक्षा पर किए गए शोध में पाया है कि दक्षिण एशियाई देशों की सूची में अफगानिस्तान खाद्य असुरक्षा में सबसे ऊपर है।

    रिपोर्ट में जताई गई चिंता

    ओआरएफ ने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) 2022 के तहत यह बात सामने आई है कि दक्षिण एशियाई देशों में वेस्टिंग बेहद खतरनाक स्तर पर हैं। ओआरएफ ने कहा कि ये रुझान ऐसे क्षेत्र के लिए चिंताजनक हैं, जहां 600 मिलियन (6 करोड़) बच्चे रहते हैं और 33 प्रतिशत से अधिक आबादी अत्यधिक गरीबी का सामना कर रही है, ऐसे में महामारी ने स्थिति को और भी खराब कर दिया है।

    कुपोषण के शिकार हो रहे बच्चे

    डॉक्टर मोहम्मद नासिर काजिमी ने टोलो न्यूज को बताया कि खराब आर्थिक और सामाजिक स्थिति ने बच्चों को प्रभावित किया है और इससे खाद्य असुरक्षा में वृद्धि हुई है। इन सबका सीधा संबंध बाल पोषण से है। काबुल के इंदिरा गांधी अस्पताल में बच्चों को इलाज के लिए लाने वाले कई माता-पिता ने बताया कि भोजन की कमी और देश की खराब अर्थव्यवस्था के कारण उनके बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। इन बच्चों पर इलाज का भी कोई असर नहीं हो रहा है।

    कुपोषण से पीड़ित बच्चों को लाया जाता है अस्पताल

    डॉक्टरों का कहना है कि हर दिन कुपोषण से पीड़ित कम से कम चार बच्चों को अस्पताल लाया जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत ज़मान अमरखिल ने कहा तालिबान के सत्तारूढ़ होने के बाद वर्ष की शुरुआत से ही मध्यम और गंभीर कुपोषण वाले 2.8 मिलियन बच्चे और स्तनपान कराने वाली माताएं प्रभावित हुई हैं। रेड क्रॉस (आईसीआरसी) की अंतर्राष्ट्रीय समिति के संचालन के निदेशक मार्टिन शुएप के अनुसार, एक औसत अफगान परिवार केवल 82 प्रतिशत बुनियादी खाद्य वस्तुओं का खर्च उठा सकता है। अफगानिस्तान में आर्थिक और मानवीय स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो गई है।

    तालिबान के सत्ता में आने के बाद व्यवसाय पड़े ठप

    विश्व बैंक के नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले अगस्त में सत्ता परिवर्तन के बाद से चल रहे राजनीतिक संकट ने अफगानिस्तान में निजी क्षेत्रों को काफी नुकसान पहुंचाया है। व्यवसाय ठप पड़े हैं और चारों तरफ अनिश्चितता है। बिक्री में कमी के कारण निजी कंपनियों ने अपने आधे से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया है, जिससे देश में बेरोजगारी बढ़ गई है।

    हज के लिए पैदल निकले भारतीय के पक्ष में पाकिस्तानी, ट्रांजिट वीजा के लिए खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा