Turkey Earthquake: तुर्किये में विनाशकारी भूकंप से भारतीय नागरिक सुरक्षित, दूतावास ने की पुष्टि
तुर्किये में आए विनाशकारी भूंकप में अभी तक किसी भारतीय के फंसे होने की खबर नहीं है। तुर्किये में भारतीय राजदूत वीरेंद्र पॉल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तुर्किये में तीन हजार भारतीय हैं और ज्यादातर लोग भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से दूर हैं। Photo- AP
अंकारा, एएनआई। तुर्किये में आए विनाशकारी भूकंप में अभी तक किसी भारतीय के फंसे होने की खबर नहीं है। तुर्किये में भारतीय राजदूत वीरेंद्र पॉल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी तक भूकंप से प्रभावित तुर्किये में किसी भारतीय के फंसे होने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि तुर्किये में तीन हजार भारतीय हैं और ज्यादातर लोग भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से दूर हैं। हमें अभी तक किसी भारतीय के फंसे होने की कोई जानकारी नहीं है।
भारतीय सेना ने हाटे में बनाया फील्ड अस्पताल
तुर्किये-सीरिया में आए भूकंप में भारत के सहायता प्रयासों के बारे में भारतीय राजदूत ने बताया कि भारतीय सेना द्वारा हाटे प्रांत में फील्ड अस्पताल बनाया गया है। इस 30 बिस्तर के अस्पताल को बनाने के लिए दो सी-17 विमानों में मेडिकल कर्मियों को लाया गया। राजदूत ने कहा कि तुर्किये की स्थिति बेहद अस्थिर है। प्रतिदिन हमारे सामने नई जरूरतें उभरती हैं। भारत स्थानीय जरूरतों के प्रति संवेदनशील हैं।
एनडीआरएफ ने बचाई 8 साल की बच्ची
भारतीय एनडीआरएफ ने शुक्रवार को तुर्किये सेना के साथ मिलकर 8 साल की बच्ची को बचाया। बचाई गई बच्ची एक इमारत के मलबे के नीचे जिंदा फंस गई थी। एनडीआरएफ ने ट्वीट में यह जानकारी दी। वहीं सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड (एसएमएच) के अनुसार, बचाव कर्मियों ने शुक्रवार को मलबे से बच्चों को निकाला।
भूकंप के केंद्र तुर्किये के कारामनमारास में फैली बदबू
बता दें कि लाखों लोगों की जिंदगी तबाह करने वाले 7.8 तीव्रता के भूकंप के पहले झटके के केंद्र तुर्किये के कारामनमारास शहर में हुई मौतों से चारों तरफ बदबू फैल गई है। यह शहर पहले ही युद्ध के कारण विस्थापित हुए लोगों से भरा पड़ा है।
अर्डोगन ने माना राहत कार्यों में बरती गई ढिलाई
तुर्किये के राष्ट्रपति अर्दोगन ने माना कि आपदा राहत से जुड़ी सरकारी संस्थाओं को भूकंप राहत कार्यों में जल्दी कार्रवाई करनी चाहिए थी। अर्डोगन ने शुक्रवार को तुर्किये के आदियामान प्रांत का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार की प्रतिक्रिया उतनी तेज नहीं थी जितनी होनी चाहिए थी।
उनके अनुसार देश में विश्व की सबसे बड़ी खोज और बचाव टीम है, फिर भी खोज प्रयास उतने तेज़ नहीं हैं जितने होने चाहिए थे। भूकंप राहत प्रयासों में ढिलाई और सेना को राहत कार्यों में देर से शामिल करने के कारण तुर्किये के राष्ट्रपति आलोचनाओं के केंद्र में हैं।
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