सीजफायर पर आया लेटेस्ट अपडेट, हमास ने सौंपे बंधकों के और तीन शव; इजरायल ने दी जानकारी
इजरायल ने दावा किया है कि उसे हमास से तीन और बंधकों के शव मिले हैं। ये शव अमेरिकी मध्यस्थता वाले संघर्षविराम समझौते के तहत बंधक-कैदी अदला-बदली के हिस्से के रूप में प्राप्त हुए हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि शवों को रेड क्रॉस के जरिए प्राप्त किया गया। शवों की पहचान और मौत के कारणों की जांच की जा रही है। हमास पर शवों को लौटाने में देरी करने का आरोप है।

इजरायल ने हमास से तीन बंधकों के शव बरामद किए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल की ओर से रविवार को एक बड़ा दावा किया गया। इजरायल ने बताया कि अमेरिकी मध्यस्थता वाले संघर्षविराम के समझौते के अंतर्गत उसको बंधक-कैदी अदला-बदली के हिस्से के तौर पर हमास से तीन और बंधकों के शव मिले हैं।
दरअसल, थोड़ी बहुत झड़पे होने के बावजूद भी 10 अक्टूबर से गाजा में शांति प्रयास जारी है। इजरायल और हमास एक दूसरे पर बड़े हमले नहीं कर रहे हैं। ये संघर्ष विराम इजरायली बंधकों की वापसी पर केंद्रित है।
इजरायल के पीएम कार्यालय ने जारी किया बयान
इस बीच रविवार को इजरायल के पीएम कार्यालय से एक बयान जारी किया गया। इस बयान में बताया गया कि इजरायल को रेड क्रॉस के जरिए तीन मृत बंधकों के शव मिले हैं। जिन्हें गाजा पट्टी के अंदर IDF और शिन बेट बलों को सौंप दिया गया था।
वहीं, इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि बंधकों के शव एक राष्ट्रीय फोरेंसिक केंद्र में पहचान और मौत के हालात और कारण की जांच के लिए लाए गए हैं। इजरायली प्रवक्ता का कहना है कि केंद्र के विशेषज्ञ बाद में मृतकों के परिवारों से जांच के नतीजों पर चर्चा करने और विस्तार से बताने के लिए मिलेंगे।
हमास के पास इजरायल के 48 कैदी
गौरतलब है कि जिस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्थता के कारण हमास और इजरायल के बीच एक संघर्षविराम लागू हुआ है। संघर्ष विराम लागू होने के दौरान हमास ने गाजा में 48 बंधकों को पकड़ रखा था, जिनमें से 20 बंधकों की जिंदा होने की पुष्टि हुई थी। युद्धविराम शुरू होने के बाद से, हमास ने जिंदा बंधकों को रिहा कर दिया है और 28 मरे हुए कैदियों के अवशेष सौंपना शुरू कर दिया है। इनमें से हमास ने अब तक 17 अवशेष लौटाए हैं, जिनमें 15 इजरायली, एक थाई नागरिक और एक नेपाली शामिल है।
इजरायल ने लगाए ये आरोप
इजरायल ने हमास पर शवों को लौटाने में देरी करने का आरोप लगाया है। जबकि, हमास का कहना है कि यह प्रक्रिया धीमी है क्योंकि कई अवशेष गाजा के मलबे के नीचे दबे हुए हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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