अब गाजा का निकलेगा हल! ट्रंप के प्रस्ताव को नेतन्याहू का समर्थन; क्या हमास करेगा स्वीकार?
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा शांति योजना का समर्थन किया है जिसे अमेरिका ने पेश किया है। इस योजना में हमास से हथियार छोड़ने की मांग की गई है जिसके बदले युद्धविराम और मानवीय मदद का वादा है। 20-सूत्रीय प्रस्ताव के अनुसार हमास को 72 घंटे के भीतर बंधकों को छोड़ना होगा जिसके बदले इजरायल कैदियों को रिहा करेगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका द्वारा पेश की गई गाजा शांति योजना का समर्थन कर दिया है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या हमास इस प्रस्ताव को स्वीकार करेगा। यह योजना हमास से हथियार छोड़ने की मांग करती है, जिसके बदले युद्धविराम, मानवीय मदद और गाजा के पुनर्निर्माण का वादा किया गया है।
लेकिन इसमें फिलहाल फलिस्तीनी राज्य की कोई स्पष्ट गारंटी नहीं दी गई है। इस 20-सूत्रीय प्रस्ताव के अनुसार, 72 घंटे के भीतर हमास को अपने सभी बंधकों को छोड़ना होगा। इसके बदले इजरायल 250 आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों और गाजा से हिरासत में लिए गए 1700 लोगों को रिहा करेगा।
ट्रंप खुद लेंगे बड़ी जिम्मेदारी
हमास को अपने सैन्य ढांचे और सुरंगों को नष्ट करना होगा। जो सदस्य शांतिपूर्वक जीने की कसम खाएंगे उन्हें माफी मिलेगी और जो गाजा छोड़ना चाहेंगे वे जा सकेंगे। गाजा का प्रशासन एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल और बोर्ड ऑफ पीस के हाथों होगा, जिसकी अगुवाई डोनल्ड ट्रंप और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर करेंगे।
योजना के अनुसार, गाजा में बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता पहुंचाई जाएगी, जिसे संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रिसेंट जैसी संस्थाएं देखेंगी। गाजा से किसी भी नागरिक को बाहर नहीं निकाला जाएगा और क्षेत्र का पुनर्निर्माण फलिस्तीनियों के लिए ही होगा।
किसे मिलेगी सुरक्षा की जिम्मेदारी?
गाजा की सुरक्षा की जिम्मेदारी शुरू में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल के पास होगी, जो आगे चलकर फलिस्तीनी पुलिस को प्रशिक्षित करेगा। मिस्र पहले ही हजारों फलिस्तीनी पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दे रहा है।
बता दें, हमास अब तक हथियार डालने से इनकार करता आया है। उसका कहना है कि जब तक इजरायल कब्जा खत्म नहीं होता तब तक प्रतिरोध जारी रहेगा। वहीं नेतन्याहू की सरकार के कई कट्टरपंथी साथी इस योजना का विरोध कर रहे हैं, खासकर क्योंकि इसमें फलिस्तीनी अथॉरिटी की भूमिका का जिक्र है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।