Israel-Iran War: 'ट्रू प्रॉमिस II' से दहला इजरायल, आखिर कैसे ईरान ने नेतन्याहू की सेना को दिया चकमा?
Israel-Iran War ईरान ने बीते दिन इजरायल पर लगातार 150 से ज्यादा मिसाइल से हमला किया। ईरान ने तेल अवीव के इलाकों को निशाना बनाया और कहा कि उसकी 90 फीसद मिसाइल अपने टारगेट को हिट किया। छह महीने से भी कम समय में इजरायल के खिलाफ अपना दूसरा मिसाइल हमला किया है। बीते दिन ईरान द्वारा किया गया हमला पिछले हमले से काफी अलग था आइए जानें इसका कारण।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान के हमलों के बाद इजरायल ने जवाबी हमले की कसम खाई है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने छह महीने से भी कम समय में इजरायल के खिलाफ अपना दूसरा मिसाइल हमला किया है। बीते दिन ईरान ने इजरायल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। ईरान के इस ऑपरेशन को ट्रू प्रॉमिस II नाम दिया गया।
यह हमला अप्रैल में ईरान के पहले के हमले से काफी अलग था, क्योंकि इसमें उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया गया था।
ईरान ने दिया चकमा
- दरअसल, ईरान ने इस ऑपरेशन में पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जो अप्रैल के ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस में इस्तेमाल किए गए पुराने ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में तकनीकी रूप से काफी उन्नत है।
- IRGC ने दावा किया कि इजरायल की उन्नत रक्षा प्रणालियों के बावजूद, उसकी 90 प्रतिशत मिसाइलों ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्यों को भेदा है।
इस बार इरान ने क्या अलग किया
अप्रैल में जब ईरान ने हमला किया था तब इजरायल के अलग-थलग सैन्य स्थलों को निशाना बनाया गया था। वहीं, इस बार तेल अवीव के पास अधिक घनी आबादी वाले शहरी केंद्रों को निशाना बनाया गया। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने मिसाइल हमलों को इजरायल से अपना बदला बताया और चेतावनी दी कि अगर वह फिर कोई हिमाकत करेगा तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा।
अप्रैल और अक्टूबर के हमलों के बीच क्या है अंतर
ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस II में पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया। वहीं, अप्रैल में हुए हमले में उसने पुरानी तकनीक वाले ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया था।
इजराइल ने लेबनान के 24 गांवों को खाली करने को कहा
दूसरी ओर इजराइली सेना अभी तक लेबनान को निशाना बनाने में लगी हुई है। आज इजरायल ने दक्षिणी लेबनान के 24 गांवों को खाली करने की चेतावनी दी है। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब सेना ने हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह से निपटने के लिए सीमा के पास सीमित जमीनी अभियान शुरू किया है।
ये गांव संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित बफर जोन में हैं, जिसे इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 2006 में आखिरी युद्ध के बाद स्थापित किया गया था।
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