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    खतरनाक मोड़ पर पहुंची जंग, Iran ने Israel पर दागी क्लस्टर मिसाइलें, हिजबुल्लाह का भी मिला साथ- पढ़ें ताजा अपडेट्स

    Updated: Fri, 20 Jun 2025 09:12 AM (IST)

    Israel Iran War इजरायल और ईरान के बीच जंग खतरनाक मोड़ ले चुकी है। इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की जिसमें अराक नतांज और खोंडब हेवी-वाटर रिसर्च साइट के इलाके शामिल थे। ईरान ने इजरायल पर जवाबी कार्रवाई में मिसाइलें दागीं। ईरान का कहना है कि उसने अभी अपनी 30% सैन्य ताकत का ही इस्तेमाल किया है। UNSC इस तनाव पर चर्चा के लिए फिर इकट्ठा होगा।

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    ईरान इजराय जंग का आठवां दिन है। (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग ने अब और खतरनाक मोड़ ले लिया है। आठ दिन पहले शुरू हुए इस संघर्ष में दोनों मुल्क एक-दूसरे पर भारी हमले कर रहे हैं। गुरुवार की रात इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की, जिसमें अराक, नतांज और खोंडब हेवी-वाटर रिसर्च साइट के आसपास के इलाके निशाना बने। इसके बाद ईरान ने भी जवाबी हमला किया।

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    इजरायली सेना ने गुरुवार को बताया कि ईरान ने कम से कम एक ऐसी मिसाइल दागी, जिसमें छोटे-छोटे बम (क्लस्टर मिसाइल) थे, जिनका मकसद नागरिकों को ज्यादा नुकसान पहुंचाना था। यह इस जंग में क्लस्टर मिसाइल के पहले इस्तेमाल का दावा है।

    नागरिक इलाकों में फटे बम

    इजरायली सेना के अधिकारियों ने इस बारे में और कोई जानकारी नहीं दी। हालांकि, इजरायली न्यूज चैनलों के हवाले से बताया गया कि यह मिसाइल मध्य इजरायल के ऊपर करीब 4 मील (7 किलोमीटर) की ऊंचाई पर फटी, जिससे इसके अंदर मौजूद करीब 20 छोटे बम 5 मील (8 किलोमीटर) के दायरे में बिखर गए।

    यह हमला दोनों मुल्कों के बीच बढ़ते तनाव को और गंभीर बनाता है, क्योंकि क्लस्टर मुनिशन का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादास्पद माना जाता है।

    न्यूज़ एजेंसी ISNA के मुताबिक, ये इलाके ईरान के परमाणु कार्यक्रम का अहम हिस्सा हैं। दूसरी तरफ, लेबनान की हिजबुल्लाह ने ईरान का खुलकर समर्थन किया है।

    हिजबुल्लाह के उप नेता शेख नईम कासिम ने इजरायल और अमेरिका को ललकारते हुए कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है और इसका मकसद राष्ट्रीय विकास है। The Jerusalem Post के हवाले से उनकी स्पीच में कहा गया, "ईरान के खिलाफ वैश्विक विरोध उसकी परमाणु महत्वाकांक्षाओं की वजह से नहीं, बल्कि उसके विश्वास, ज्ञान और आजादी के रुख की वजह से है, जो मजलूमों को ताकत देता है।"

    संयुक्त राष्ट्र में आपात बैठक

    पिछले शुक्रवार को इजरायल के हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक हुई थी। अब ईरान ने रूस, चीन और पाकिस्तान के समर्थन से एक और बैठक की मांग की है। UNSC आज फिर इस तनाव पर चर्चा के लिए इकट्ठा होगा।

    वॉशिंगटन के एक ईरानी मानवाधिकार समूह के मुताबिक, ईरान में अब तक 639 लोग मारे गए हैं, जिनमें 263 आम नागरिक हैं, जबकि 1,300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल पर करीब 400 मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे, जिससे इजरायल में 24 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की मिसाइलें इजरायल में एक मेडिकल बिल्डिंग और आसपास के अपार्टमेंट्स पर गिरीं, जिससे भारी नुकसान हुआ।

    ईरान के IRGC कमांडर मोहसिन रजेई ने कहा कि नतांज, इस्फहान, खंदाब और अराक जैसे परमाणु ठिकानों की सामग्री को हमलों से पहले सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया था। उन्होंने चेतावनी दी, "युद्धविराम दुश्मन को ताकत जुटाने का मौका देगा, जो कबूल नहीं।"

    रजेई ने कहा कि ईरान ने अब तक अपनी सिर्फ 30% सैन्य ताकत का इस्तेमाल किया है और युद्ध को धीरे-धीरे तेज किया जा रहा है।

    इजरायल पर फिर ईरान ने दागी मिसाइलें

    IDF के मुताबिक, ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले के बाद बीरशेबा और आसपास के इलाकों में सायरन बजे। नागरिकों को बम शेल्टर में रहने की हिदायत दी गई है।

    द न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ईरान ने अभी परमाणु बम बनाने का फैसला नहीं किया, लेकिन उसके पास पर्याप्त समृद्ध यूरेनियम का भंडार है। यह जंग अब और गहराने की ओर बढ़ रही है, जिसमें दोनों मुल्कों के साथ-साथ वैश्विक ताकतों की भूमिका भी अहम हो गई है।

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