'ताबूत में कैद होकर इजरायल जाएंगे सभी बंधक' हमास ने दी PM नेतन्याहू को चेतावनी
सोमवार को एक श्रम अदालत ने सरकार की याचिका को स्वीकार करते हुए स्थानीय समयानुसार दोपहर ढाई बजे तक हड़ताल समाप्त करने का आदेश दिया। इसके बाद सबसे बड़े श्रमिक संघ हिस्टाड्रट ने अपने सदस्यों से काम पर वापस आने को कहा। हमास के कब्जे में अभी भी लगभग सौ इजरायली बंधक हैं। इसी बीच हमास ने पीएम नेत्नयाहू को धमकी दी है।
काहिरा, रॉयटर्स: गाजा में छह बंधकों की हत्या के विरोध में इजरायल में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ। पीड़ित परिवारों के साथ आम लोगों ने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से युद्धविराम की मांग करते हुए बंधकों की सुरक्षित रिहाई की मांग की।
दूसरी ओर, गाजा में 48 घंटे के दौरान इजरायली सेना की कार्रवाई में 24 फलस्तीनियों की मौत हो गई। वहीं गाजा में मारे गए अमेरिकी-इजरायली बंधक हर्श गोल्डबर्ग-पोलिन को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग यरुशलम की सड़कों पर शवयात्रा में शामिल हुए।
सात लाख लोगों ने किए प्रदर्शन
गाजा में हमास लड़ाकों द्वारा बंधकों की हत्या से इजरायल में लोग आक्रोशित हैं। बंधकों की सुरक्षित रिहाई में इजरायल सरकार की विफलता के विरोध में कई श्रम संगठनों ने सोमवार को हड़ताल का आह्वान किया था। सिन्हुआ एजेंसी के अनुसार, देशभर में लगभग सात लाख लोग प्रदर्शन ने शामिल हुए। तेलअवीव की रैली में करीब साढ़े पांच लाख लोगों ने भाग लिया।
अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर भी इसका असर देखा गया। हजारों की संख्या में इजरायली प्रदर्शनकारी रविवार शाम को ही सड़कों पर उतर आए। बंधकों की मौत के लिए पीडि़त परिवार व अन्य लोग नेतन्याहू को जिम्मेदार ठहरा रहे थे।एपी न्यूज एजेंसी के अनुसार कुछ लोग पीएम नेतन्याहू के समर्थन में भी हैं। उनका मानना है कि सेना को हमास पर और दबाव बनाना चाहिए, जिससे वे बंधकों को रिहा करने पर मजबूर हो।
हमास के कब्जे में लगभग 100 इजरायली
वहीं, सोमवार को एक श्रम अदालत ने सरकार की याचिका को स्वीकार करते हुए स्थानीय समयानुसार, दोपहर ढाई बजे तक हड़ताल समाप्त करने का आदेश दिया। इसके बाद सबसे बड़े श्रमिक संघ हिस्टाड्रट ने अपने सदस्यों से काम पर वापस आने को कहा। हमास के कब्जे में अभी भी लगभग सौ इजरायली बंधक हैं। एक अन्य खबर के अनुसार फलस्तीनी अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि गाजा सिटी में इजरायली हवाई हमलों में सात फलस्तीनियों की मौत हो गई। इसी तरह बुरेजी और नुसरत में छह लोग मारे गए, जबकि शरणार्थी क्षेत्रों में आठ लोग मारे गए।
वहीं, लाल सागर में पनामा के ध्वज लगे तेल टैंकर और व्यापारिक पोत पर यमन की ओर से मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए। किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
हमास ने इजरायल को दी धमकी
हमास की सशस्त्र शाखा ने सोमवार को कहा कि यदि सैन्य दबाव जारी रहा तो बंधकों को "ताबूतों के अंदर" इजरायल वापस भेज दिया जाएगा। साथ ही चेतावनी दी कि यदि इजरायली सैनिक आते हैं तो बंधकों की सुरक्षा करने वाले आतंकवादियों को "नए निर्देश" दिए गए हैं।
नेतन्याहू के कारण नहीं हो पा रहा युद्धविराम: बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को कहा कि नेतन्याहू के कारण युद्धविराम समझौता नहीं हो पा रहा है। व्हाइट हाउस में आयोजित प्रेसवार्ता में बाइडन ने कहा, नेतन्याहू गाजा में बंधकों की रिहाई के लिए हमास से समझौता करने के पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका बंधकों की रिहाई और युद्धविराम समझौते पर काम कर रहे वार्ताकारों के समक्ष अंतिम प्रस्ताव पेश करने के करीब है।व्हाइट हाउस के अनुसार, बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने सोमवार को अमेरिकी बंधकों की रिहाई के प्रयास कर रही टीम के साथ भी मुलाकात की। बैठक में बाइडन और हैरिस को अमेरिका, कतर और मिस्त्र के गाजा युद्धविराम प्रस्ताव पर जानकारी दी गई।
ब्रिटेन ने निलंबित किए इजरायल को दिए गए 30 हथियार निर्यात लाइसेंस
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने हाउस आफ कामन्स में सोमवार को कहा कि ब्रिटेन इजरायल के साथ अपने 350 हथियार निर्यात लाइसेंसों में से 30 को तत्काल निलंबित कर दिए हैं। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि इस बात का खतरा है कि इनका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघन के लिए किया जा सकता है। लैमी ने कहा कि लाइसेंसों को निलंबित करने का निर्णय केवल उन हथियारों पर लागू होगा जिनका उपयोग गाजा के फलस्तीनी क्षेत्र में इजरायल- हमास संघर्ष में किया जा सकता है। उधर इजरायल के विदेश मंत्री यिसरेल काट्ज ने इस फैसले पर निराशा जताई है।
गाजा गलियारे में इजरायल की मौजूदगी जारी रखना चाहते हैं नेतन्याहू
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वह किसी भी संघर्ष विराम समझौते के हिस्से के रूप में मिस्त्र के साथ गाजा की सीमा पर इजरायल की उपस्थिति बनाए रखने पर जोर देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि इजरायल अस्थायी रूप से भी हटने को तैयार हो जाता है, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसे कभी भी वापस नहीं आने देगा। गौरतलब है कि हमास गाजा से इजरायल की पूरी तरह वापसी की मांग कर रहा है।
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