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    अंडर ग्राउंड रेलवे स्टेशन में रात बिता रहे इजरायल के लोग, ईरान के हमलों के बाद जानिए कैसे हैं हालात

    By Jagran News NetworkEdited By: Swaraj Srivastava
    Updated: Sat, 21 Jun 2025 07:30 AM (IST)

    यहूदी परिवारों, विदेशी श्रमिकों और युवा पेशेवरों ने हर शाम गद्दे, सोने के बैग, स्नैक्स और पालतू जानवरों के साथ भूमिगत रेलवे स्टेशनों में शरण लेना शुरू कर दिया है। कई लोग पिज्जा के डिब्बे लेकर आए। श्रमिकों ने स्नैक्स और काफी का प्रबंध किया। रेलवे स्टेशन पर रात बिताने वाले आधे लोग विदेशी श्रमिक हैं, जो अक्सर पुराने भवनों में रहते हैं, जो शरण लेने योग्य नहीं हैं।

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    मिसाइलों के प्रहार से बचने के लिए आम नागरिकों ने ली शरण (फोटो: रॉयटर्स)

    एपी, रमात गान (इजरायल)। ईरान के जवाबी हमलों ने इजरायली लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मिसाइलों के प्रहार से बचने के लिए आम नागरिकों ने परिवार समेत रेलवे के भूमिगत स्टेशनों पर अपनी पनाहगाह ढूंढ ली है। यहूदी परिवारों, विदेशी श्रमिकों और युवा पेशेवरों ने हर शाम गद्दे, सोने के बैग, स्नैक्स और पालतू जानवरों के साथ भूमिगत रेलवे स्टेशनों में शरण लेना शुरू कर दिया है।

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    अमीर और गरीब सभी भय और भयावह परिस्थितियों के बावजूद तनाव को कम करने के लिए इन स्टेशनों को रैन बसेरा बना चुके हैं और शाम होते ही समय काटने और खुद को राहत देने के इरादे से अपनी पसंदीदा चीजों के साथ यहां आ जाते हैं। हाल ही में एक शाम इजरायल के लाइट रेल प्रणाली के एक भूमिगत स्टेशन में अपने फुलाए हुए गद्दे पर बैठते ही अजीजा मेलेच ने पहली बार कई दिनों में अपने शरीर में आराम महसूस किया।

    श्रमिकों ने स्नैक्स और काफी का प्रबंध किया

    अगले कुछ घंटों के लिए 34 वर्षीय इवेंट प्लानर को ईरानी मिसाइलों की चेतावनी देने वाली सायरन की आवाज सुनते ही भागने की जरूरत नहीं थी। तेल अवीव और पड़ोसी शहर रमात गान के बीच स्थित एक स्टेशन पर बुधवार रात माता-पिता ने अपने बच्चों को साफ्ट ट्वायज के साथ बिठाया, जबकि युवा लोग फिल्में देखने के लिए टैबलेट का उपयोग कर रहे थे। कई लोग पिज्जा के डिब्बे लेकर आए। श्रमिकों ने स्नैक्स और काफी का प्रबंध किया।

    रेलवे स्टेशन पर रात बिताने वाले आधे लोग विदेशी श्रमिक हैं, जो अक्सर पुराने भवनों में रहते हैं, जो शरण लेने योग्य नहीं हैं। जबकि इजरायल में नए भवनों को मजबूत सुरक्षित कमरों के साथ बनाना अनिवार्य है। गरीबों की बस्तियों और कस्बों में विशेष रूप से अरब क्षेत्रों में शरण लायक सुरक्षित आश्रय की बहुत कमी है। इजरायल में दस साल से रह रहे 48 वर्षीय भारतीय बाबू चिनाबेरी ने कहा, 'हम स्टेशन आए हैं क्योंकि हम मिसाइलों से बहुत डरे हुए हैं क्योंकि वे बहुत शक्तिशाली और घातक हैं।'

    पार्किंग गैरेज में भी लगभग 400 लोग सोते हैं

    लाइट रेल स्टेशन ही नहीं, लोग शरण के लिए अन्य स्थानों की भी तलाश कर रहे हैं। हर रात शहर के सबसे बड़े माल में एक भूमिगत पार्किंग गैरेज में भी लगभग 400 लोग सोते हैं। आपसी सहायता समूहों ने एक पार्किंग स्थल में सौ से अधिक तंबू लगाए हैं ताकि सोने के लिए थोड़ी गोपनीयता हो। तेल अवीव का केंद्रीय बस स्टेशन शरणस्थली के रूप में बरसों पहले तैयार किया गया बेस अब पूरी तरह से निर्जन और रहने योग्य नहीं है। जबकि यह मिसाइल हमले के दौरान इजरायल में सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक माना जाता है।

    45 वर्षीय रोई अस्त्राफ पिछली कुछ रातों से अपनी पत्नी और तीन वर्षीय बेटी के साथ रमात गान के रेलवे स्टेशन पर सो रहे हैं। हालांकि उनके घर में एक सुरक्षित कमरा है। उनका कहना है कि वह अनावश्यक जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। अब वह हर रोज अपनी बेटी को घर पर स्नान कराते हैं। पूरा परिवार आरामदेह पायजामों में शाम सात बजे तक रेलवे स्टेशन की ओर चल देता है। स्थानीय स्वयंसेवकों ने बच्चों को सोने से पहले सामान्य महसूस कराने के लिए रात को एक मनोरंजक शो करता है।

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